रफीक खान
मध्य प्रदेश के बैतूल से विधायक तथा पूर्व में सांसद रह चुके हेमंत खंडेलवाल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के नए कमांडर बन गए हैं। हेमंत खंडेलवाल को भारतीय जनता पार्टी द्वारा निर्धारित कार्यक्रम और प्रक्रिया के तहत मंगलवार को ही नया प्रदेश अध्यक्ष चुन लिया गया था। उनकी औपचारिक घोषणा बुधवार को कर दी गई। दिल्ली से आए प्रभारी प्रधान द्वारा उन्हें प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव तथा विदा ले रहे प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा की मौजूदगी में यह जिम्मेदारी सौंप दी गई है।Now BJP has handed over the responsibility to Hemant Khandelwal in MP, got the responsibility in the presence of Mohan Yadav, Pradhan and BD Sharma
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि हेमंत खंडेलवाल मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मथुरा के रहने वाले हैं। उनका जन्म 3 सितंबर 1964 को मथुरा में हुआ था। खंडेलवाल को राजनीति और समाजसेवा के संस्कार अपने पिता स्वर्गीय विजय कुमार खंडेलवाल से विरासत में मिले हैं। विजय कुमार खंडेलवाल भाजपा से सांसद रह चुके हैं। पिता के निधन के बाद हेमंत खंडेलवाल ने उनकी राजनीतिक और समाजिक विरासत संभाली। हेमंत अपने पिता के समय से ही जनसेवा के लिए समर्पित रहे हैं। हेमंत खंडेलवाल के सक्रिय राजनीतिक सफर की शुरुआत 2008 में हुई थी। दरअसल, पिता विजय कुमार खंडेलवाल के निधन से बैतूल लोकसभा सीट खाली हो गई। इस दौरान हुए उपचुनाव में भाजपा ने हेमंत खंडेलवाल को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा। हेमंत का सामना कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव पांस से था, जिन्हें हराकर वे लोकसभा पहुंचे थे। इसके बाद वे 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हेमंत वागद्रे को हराकर विधायक बने और 2018 तक बैतूल विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। 2018 के विस चुनाव में भाजपा ने उन्हें फिर से प्रत्याशी बनाया, लेकिन इस बार वे कांग्रेस के निलय डागा से चुनाव हार गए। पांच साल बाद 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने एक बार फिर खंडेलवाल पर भरोसा जताया। इस दौरान उन्होंने निलय डागा को हराकर अपनी पारिवारिक सीट पर फिर से कब्जा कर लिया। हेमंत खंडेलवाल ने अपने राजनीतिक जीवन में हमेशा जनता की समस्याओं को प्राथमिकता दी है। क्षेत्र के विकास, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और किसानों के मुद्दों पर वे हमेशा मुखर और सक्रिय रहे हैं। उनके प्रयासों से बैतूल में कई विकास योजनाएं क्रियान्वित की गईं, जिनका आमजन को सीधा लाभ मिला है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नरोत्तम मिश्रा से लेकर कैलाश विजयवर्गी तक कई बड़े चेहरे लगातार जोर आजमाइश में लगे रहे लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा भारतीय जनता पार्टी ने अपनी तयशुदा नीति के तहत इस नाम को सामने रखा और निर्विरोध निर्वाचित करवा दिया।