सुबह से चल रहा पांढुर्ना में पथराव, किसी का सिर फूटा तो किसी के हाथ-पैर टूट गए, कई घायल नागपुर रेफर - khabarupdateindia

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सुबह से चल रहा पांढुर्ना में पथराव, किसी का सिर फूटा तो किसी के हाथ-पैर टूट गए, कई घायल नागपुर रेफर


रफीक खान
मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा रेखा पर स्थित पांढुरना के प्रसिद्ध परंपरागत गोटमार मेले में शनिवार को सुबह 10:00 बजे से लगातार पथराव जारी है। पत्थर बाजी की इस अनोखी रस्म में अब तक 1000 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं। किसी का सिर फूट गया है तो किसी के हाथ-पैर टूट गए हैं। कुछ लोगों की आंखों में भी चोट पहुंचने की खबर है। इनमें से कई को गंभीर स्थिति में नागपुर रेफर किया गया है। पुलिस, प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग के अमले के अलावा अन्य शासकीय विभागों के कर्मचारी-अधिकारी भी मौके पर बड़ी संख्या में मौजूद है तथा व्यवस्था बनाए रखने की प्रयास कर रहे हैं।Stone pelting has been going on in Pandhurna since morning, some people's heads were broken, some people's arms and legs were broken, many injured were referred to Nagpur

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कहा जाता है कि जाम नदी में चंडी माता की पूजा के बाद साबर गांव के लोग पलाश के कटे पेड़ को नदी के बीच लगाते हैं। इसके बाद दोनों गांव पांढुर्णा और साबर गांव के लोगों के बीच पत्थरबाजी होती है। साबर गांव के लोग पलाश का पेड़ और झंडा नहीं निकालने देते, वे इसे लड़की मानकर रक्षा करते हैं। इस झंडे को जंगल से लाने की परंपरा पीढ़ियों से सावरगांव निवासी सुरेश कावले का परिवार करता है। वहीं, पांढुर्णा के लोग पत्थरबाजी कर पलाश का पेड़ कब्जे में लेने का प्रयास करते हैं। अंत में झंडे को तोड़ लेने के बाद दोनों पक्ष मिलकर चंडी मां की पूजा कर इस गोटमार को खत्म करते हैं। पत्थरबाजी में 1955 से 2023 तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें एक ही परिवार के तीन लोगों की जान गई है। घायलों के लिए 6 अस्थायी स्वास्थ्य केंद्र बनाए गए हैं। मौके पर 600 पुलिस जवान, 58 डॉक्टर और 200 मेडिकल स्टाफ तैनात है। कलेक्टर अजय देव शर्मा ने धारा 144 भी लागू कर दी है।