रफीक खान
भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेताओं की कभी आंखों का तारा रहे मछली परिवार पर अब झटके दार झटकों का दौर जारी है। गुरुवार को महलनुमा आलीशान कोठी पर बुलडोजर चला दिया गया। निश्चित तौर पर अपराधियों के खिलाफ ऐसी ही सख्त कार्रवाई की जरूरत होती है पर करवाई और जांच का दायरा अगर सीमित हो तो कई सवाल खड़े हो जाते हैं। मछली परिवार का साम्राज्य कैसे खड़ा होता रहा? कैसे खड़ा हुआ? ड्रग्स से लेकर तमाम तरह की गुंडागर्दी और मनमानी पर कैसे पर्दा डला रहा? यह किसी से छुपा नहीं है पर किसी भी नजदीकी नेता तक कोई आंच नहीं आई है। Why is the scope of investigation not reaching the leaders close to the Machhli family? With whose support did the empire continue to grow?
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि भोपाल में ड्रग तस्करी और दुष्कर्म के आरोपित यासीन व शाहवर मछली के परिवार की हटाई खेड़ा स्थित तीन मंजिला कोठी पर गुरुवार को जिला प्रशासन का बुलडोजर चला। इससे पहले कोठी में रखा सामान बाहर निकाला गया। छह मशीनें निर्माण तोड़ने में लगी हैं। एसडीएम विनोद सोनकिया समेत जिला प्रशासन, पुलिस और नगर निगम का अमला मौके पर पहुंचा है। एसडीएम ने बताया कि कोठी का निर्माण सरकारी जमीन पर किया गया है, इसलिए तोड़ा जा रहा है। मौके पर करीब 400 पुलिसकर्मी तैनात हैं। उल्लेखनीय है कि भोपाल पुलिस ने कॉलेज छात्राओं से जुड़े रेप-ब्लैकमेलिंग केस में शाहवर मछली और उसके भतीजे यासीन को गिरफ्तार किया था। इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद चाचा शारिक मछली भी पुलिस की गिरफ्त में आया।
फैक्ट फ़ाइल
15 हजार स्क्वायर फीट में निर्माण।
तीन मंजिला तक 30 से ज्यादा कमरे।
20 से 25 करोड़ रुपए कीमत का आकलन।
गैरेज, पार्क, झूला घर भी बना रखा था।
पूरा निर्माण सरकारी जमीन पर किया।
मानव अधिकार आयोग की टीम इससे पहले जून में भोपाल का दौरा कर चुकी थी, जिसमें क्लब-90 को इस पूरे कांड का अड्डा बताया गया था। बाद में उस क्लब को जमींदोज भी किया गया था। उधर एक जुलाई को आयोग ने प्रदेश के मुख्य सचिव को रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें पुलिस की कार्रवाई को अपर्याप्त करार दिया गया था। यहां यह भी गौरतलब है कि मछली परिवार की पृष्ठभूमि जनसंघ से जुड़ी रही है। भारतीय जनता पार्टी के मंत्री, दिग्गज नेताओं के वीडियो काफी वायरल है, जो मछली परिवार द्वारा पार्टी को दिए जाने वाले सहयोग, उनकी निष्ठा और उनकी मेहनत के कसीदे गढ़ रहे हैं। इससे यह बात भी स्पष्ट है कि इतनी तारीफ करने वाले नेता मछली परिवार के बेहद नजदीकी रहे होंगे। अपराध का पर्दाफाश हो या राजनीतिक करवट... परिणाम सामने है लेकिन सच्ची कार्रवाई तभी होगी जब मछली परिवार को संरक्षण देने वाले नेटवर्क का पर्दाफाश होगा।