रफीक खान
मध्य प्रदेश के धार जिले में मनावर निवासी 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली एक छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। छात्रा ने अपनी मौत का जिम्मेदार तीन शिक्षिकाओं को बताया है। छात्रा का आरोप सुसाइड नोट में दर्ज है और आत्महत्या के पहले उसने यह सुसाइड नोट दीवार पर चस्पा कर दिया था। घटना से क्षेत्रीय लोग इतनी बुरी तरह आहत है कि वे सड़क पर उतर आए। जमकर विरोध किया और दोषी शिक्षिकाओं पर कार्रवाई की मांग की गई है। सहेलियों ने बताया बार-बार टीचर उसे परेशान करती थीं। परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर चक्काजाम भी किया। After the suicide of a class 12 student, people took to the streets in MP, demanding action against the guilty teachers
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि पुलिस द्वारा बरामद सुसाइड नोट में छात्रा ने स्पष्ट रूप से लिखा है कि 'मैं ऐसे ही नहीं फांसी लगा रही हूं। मेरी फांसी लगाने की वजह मेरे स्कूल की तीन टीचर हैं। वे मुझे हमेशा मानसिक रूप से प्रताड़ित करती थीं। आज स्कूल में जो हुआ, उसके बाद मेरे सहने की सीमा खत्म हो चुकी है। इन तीन टीचरों सारिका ठाकुर, लक्ष्मी मंडलोई और आरती चौहान को सजा जरूर दिलाई जाए।' बताया जा रहा है कि छात्रा ने यह सुसाइड नोट घर की दीवार पर चिपकाया और फिर अपने कमरे में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। छात्रा की सहेलियों का कहना है कि तीनों शिक्षिकाएं अक्सर छोटी-छोटी बातों पर अपमानित करती थीं, सार्वजनिक रूप से डांटती थीं और कई बार अनुचित टिप्पणियां भी करती थीं। सहेलियों के अनुसार, इस तरह की मानसिक प्रताड़ना से उनकी सहेली लंबे समय से परेशान थी। छात्रा घटना के समय घर पर अकेली थी। उसके पिता बाजार गए हुए थे, जबकि बड़ी बहन नौकरी करती है और माँ भी घर पर नहीं थी।