Mukhtar Ansari: UP के बांदा जेल में बंद 5 बार विधायक रहे माफिया, डॉन, गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की मौत, डॉक्टर ने बताई हार्ट अटैक वजह, अधिवक्ता ने लगाया जेल में जहर देने का आरोप - khabarupdateindia

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Mukhtar Ansari: UP के बांदा जेल में बंद 5 बार विधायक रहे माफिया, डॉन, गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की मौत, डॉक्टर ने बताई हार्ट अटैक वजह, अधिवक्ता ने लगाया जेल में जहर देने का आरोप


रफीक खान
उत्तर प्रदेश के माफिया, डॉन, गैंगस्टर तथा एक समय राजनीति में जमकर सक्रिय रहे बांदा जेल में निरुद्ध मुख्तार अंसारी की 63 वर्ष की आयु में गुरुवार को मौत हो गई। मुख्तार अंसारी जेल बैरक में ही बेहोश होकर गिर पड़े थे। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें 9 डॉक्टरो की टीम भी बचा नहीं सकी। मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश में पांच बार विधायक रह चुके थे। मुख्तार अंसारी की मौत के बाद धारा 144 लागू कर दी गई। मुख़्तार का बड़ा बेटा अब्बास अंसारी कासगंज जेल में है। अब्बास को पुलिस सुरक्षा में मुख़्तार की आख़िरी रस्म के लिए लाया जाएगा। मुख्तार अंसारी भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के करीबी रिश्तेदार भी थे।

जानकारी के मुताबिक जेल बैरक में मुख्तार अंसारी अचानक ही बेहोश होकर गिर गए थे। मंगलवार को भी उनके तबीयत खराब होने की खबर आई थी। हालांकि मंगलवार की तुलना में गुरुवार को उनकी तबीयत ज्यादा खराब थी। मंडल कारागार में बंद माफिया मुख्तार अंसारी तीन दिन से बीमार चल रहे थे।उनकी तबीयत गुरुवार रात अचानक फिर से बिगड़ गई। सूचना मिलते ही जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल, डीएम अंकुर अग्रवाल कई थानों की पुलिस फोर्स के साथ मंडलीय कारागार पहुंचे। करीब 40 मिनट तक अधिकारी जेल के भीतर रहे। इसके बाद मुख्तार को एंबुलेंस से दोबारा रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। दो दिन पहले 26 मार्च को मुख्तार ने जेल प्रशासन से पेट में दर्द की शिकायत की थी। इसके बाद उसे तत्काल ही मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। जहां डॉक्टरों ने ओवर ईटिंग व कब्ज बताकर इलाज किया और 14 घंटे बाद उसी दिन देर शाम उसे वापस मंडलीय कारागार भेज दिया था। रात करीब आठ बजे जैसे ही प्रशासन के अधिकारी एंबुलेंस से माफिया डॉन मुख्तार को लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचे, वहां भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया।

अर्ध सैनिक बल भी किया गया तैनात

जानकारी के मुताबिक डॉक्टरों की टीम के साथ डीएम और एसपी भी मेडिकल कॉलेज के भीतर दाखिल हो गए। इसके बाद जैसे-जैसे समय बीतता गया और जिले में ही नहीं प्रदेश भर में मुख्तार को लेकर तरह तरह की चर्चाएं होना शुरू हुई, वैसे ही फोर्स की तादात भी बढ़ती चली गई। रात के साढ़े नौ बजे तक अर्धसैनिक बल भी तैनात कर दिया गया। बाहर खड़े लोगों को मुख्तार के परिजन के आने का इंतजार है। मेडिकल कॉलेज बांदा ने मुख्तार की मौत की पुष्टि की है। मुख्तार पर जारी किए गए बुलेटिन में मेडिकल कॉलेज की तरफ से कहा गया कि बृहस्पतिवार शाम को करीब 8.25 बजे मुख्तार अंसारी (63 वर्ष) को जेल के कार्मिकों के द्वारा रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज, बांदा लाया गया। मरीज को नौ डॉक्टरों की टीम द्वारा तत्काल चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराई गई। परंतु भरसक प्रयास के बावजूद दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई।

वकीलों ने लगाए यह आरोप

माफिया मुख्तार अंसारी के सभी मामलों की सुनवाई यूपी छोड़कर किसी भी अन्य राज्य की अदालत में कराने के साथ उसकी जेल की भी बदलने की मांग कुछ दिन पहले ही हुई थी। मुख्तार के अधिवक्ता की ओर से हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया था कि उसे दो बार बांदा जेल में दोपहर के खाने में जहर दिया गया। याचिका में आरोप लगाया गया था की शासन प्रशासन उसकी हत्या कराना चाहता है। पूर्व एमएलसी विजय सिंह को बचाने के लिए उसके खिलाफ गवाही देने से रोका जा रहा है। मुख्तार के अधिवक्ता सौभाग्य मिश्रा का आरोप है कि उनके साथ जेल में संविधान से हटकर कार्रवाई की जा रही है। उनके बेटे उमर व अन्य परिजन को मिलने या बात करने तक नहीं दी गई। 40 दिन पहले भी उसे भोजन में जहर दिया गया। दस दिन पहले भी दोपहर के भोजन में जहर दिया गया।

दादा स्वतंत्रता सेनानी और नाना बिग्रेडियर थे

3 जून 1963 को गाजीपुर जिले में जन्में पिता का सुभान अल्लाह अंसारी और मां का बेगम राबिया थीं। मुख्तार अंसारी अपराध को चुना जबकि उसका परिवार बेहद प्रतिष्ठित था। मुख्तार के दादा डॉक्टर मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता सेनानी थे और उन्होंने महात्मा गांधी के साथ काम किया था। अंसारी के नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान थे जो 1947 की लड़ाई में शहीद हुए थे।

61 केस दर्ज थे हत्या के, 8 मामले जेल में रहने के दौरान

जेल से चलाई राजनीति 63 साल की उम्र में दम तोड़ने वाले मुख्तार अंसारी की मौत के साथ यूपी में एक और डॉन की कहानी हमेशा के लिए खत्म हो गई। मुख्तार पर हत्या, हत्या के प्रयास, धोखाधड़ी जैसे कई आपराधिक मामले दर्ज थे। लखनऊ, गाजीपुर, चंदौली, आगरा और दिल्ली में भी अंसारी के ऊपर कई केस चल रहे थे। अंसारी के करियर की बात करें तो वो मऊ से पांच बार विधायक रहे। बताया जाता है कि मुख्तार पर 61 केस दर्ज थे। इनमें हत्या के 8 केस तो जेल में रहने के दौरान दर्ज हुए। मुख्तार जिस भी जेल में रहा, उसका रुतबा हमेशा बना रहा। चाहे गाजीपुर जेल हो, बांदा जेल या पंजाब की रोपड़ जेल। जेलर कोई भी हो, चली मुख्तार की ही। रिटायर्ड पुलिस अफसर और जेलर भी ये बात मानते हैं।मुख्तार जेल से ही गैंग चलाता रहा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मार्च 2023 में एक शूटर की जमानत पर सुनवाई करते हुए मुख्तार गैंग को देश का सबसे खतरनाक गिरोह कहा था।

3 दिन पहले जेलर और दो डिप्टी जेलर हुए सस्पेंड

मुख्तार अंसारी के बड़े भाई और गाजीपुर से बसपा के सांसद अफजाल अंसारी ने पांच दिन पहले ही कह दिया था कि मुख्तार अंसारी की हत्या करने की साजिश रची जा रही है। कई दिनों से यह साजिश चल रही है, परिवार ने तो कोर्ट में याचिका भी दी है कि मुख्तार अंसारी को दूसरे किसी राज्य में रखा जाए और वहां ट्रायल चलाया जाए। मौत का एक दिन निश्चित है लेकिन शैतान तो उनकी हत्या करने की कोशिश कर रहा है।जेलर योगेश कुमार, डिप्टी जेलर राजेश कुमार और डिप्टी जेलर अरविंद कुमार को सस्पेंड कर दिया गया था। इस कारवाई ने जेल प्रशासन की होली को बेरंग कर दिया था।