रफीक खान
मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर खजरी खिरिया बाईपास पर स्थित रजा मेटल इंडस्ट्रीज के कबाड़ गोदाम में गुरुवार को हुए धमाके के बाद शुक्रवार की देर रात अधारताल पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर लिया। बम धमाके में अब तक पुलिस दो लोगों की मौत होना स्वीकार रही है, जबकि घटना की भीषण स्थिति को देखकर सभी का अनुमान है कि ज्यादा लोगों की वहां मौत हुई है। पुलिस ने इस मामले में शमीम कबाड़ी के पुत्र फहीम कबाड़ी तथा उसके पार्टनर सुल्तान अली को गिरफ्तार कर शनिवार को न्यायालय में दोनों आरोपियों को पेश किया गया तथा 1 मई तक की रिमांड पर लिया गया है। फहीम तथा सुल्तान के अलावा पुलिस ने फैसल, इमरान, अरमान तथा शमीम कबाड़ी के कुछ राजदारों को उठाया है, इनसे भी लगातार पूछताछ की जा रही है। उधर घटना की संगीता वी गंभीरता के मध्य नजर केंद्रीय एजेंटीयों ने घटनास्थल पर ढाबा बोल दिया है शनिवार को पुलिस के इक्का - दुक्का लोगों को छोड़कर केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारी पूरे दिन जांच करते रहे।
गौरतलब है कि कई किलोमीटर तक अपनी धमक से लोगों को दहलाने वाले शमीम कबाड़ी के गोदाम में हुए धमाके के बाद गुरुवार को दोपहर से लेकर अब तक सनसनी का माहौल बना हुआ है। घटनास्थल पर मौजूद दो लोगों के अब तक न मिलने का दावा पुलिस कर रही है, बाकी को दस्तयाब कर लिए जाने की बात कही जा रही है। जबकि लोगों का ऐसा कहना है कि 15 से 20 लोग मेटल इंडस्ट्रीज और स्क्रैप गोदाम में काम करते थे। यह कैसा इत्तेफाक हुआ कि बाकी लोग इतने भीषण धमाके के दौरान भागने में कामयाब रहे। इस बीच यह भी कहा जा रहा है कि घटना के वक्त घटनास्थल पर शमीम कबाड़ी भी मौजूद था लेकिन वह पुलिस के पहुंचने के पहले वहां से लापता हो गया। इसके बाद मौके पर पहुंचे शमीम के भाई सलीम ने मीडिया से चर्चा की। जिसके जिसके चलते वह अधिकारियों के रडार पर आ गया और प्रशासन ने शुक्रवार को सलीम का मकान तुड़वाने के लिए भी बुलडोजर पहुंचवा दिया। जहां पूर्व क्षेत्र के विधायक लखन घनघोरिया तथा एसडीएम वअधिकारियों से तीखी बहस का मामला भी सामने आया था।
सुल्तान से शमीम का इस तरह का गठजोड़
भीषण धमाके और मौके पर मिले सेना के उपयोग में आने वाले बमों के खोखे मिलने के बाद मामला काफी संगीन हो गया और यही वजह है कि एनएसजी NSG, एनआईए NIA तथा आर्मी इंटेलिजेंस Army Inteligence जैसी केंद्रीय एजेंसियों ने मोर्चा खोलते हुए शनिवार से अपनी पड़ताल शुरू कर दी है। इन एजेंसियों के अधिकारी न सिर्फ गोदाम परिसर बल्कि आसपास के क्षेत्र में भी घूम घूम कर अपने पास अत्याधुनिक उपकरणों से जांच पड़ताल कर रहे हैं। पता करने की कोशिश यह की जा रही है कि बम किस स्टैंडर्ड के थे और वह कहां पर तैयार किए गए तथा स्क्रैप गोदाम तक कैसे पहुंचे? जांच पड़ताल के चलते केंद्रीय एजेंसियों को एक पेपर हाथ लगा। जिसमें टेंडर सुल्तान अली हाउस नंबर 50 आनंद नगर अधारताल के नाम पर होना पाया गया। टेंडर भले ही सुल्तान को मिला लेकिन सारा काम शमीम कबाड़ी तथा फहीम कबाड़ी के द्वारा संचालित किया जा रहा था। यह टेंडर लेफ्टिनेंट कर्नल राजीव रंजन की तैनाती के दौरान किया गया। केंद्रीय एजेंसीयों ने इस तरह की और भी कई महत्वपूर्ण जानकारियां जुटा ली है। धमाके किन बमों से हुए हैं, इस बात का खुलासा होने के बाद केंद्रीय एजेंसियां बड़ा धमाका करेंगी।
बहुत सारे संदेहों से पर्दा उठाने की है कोशिश
बम धमाके के बाद पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के बीच हिस्ट्रीशीटर स्क्रैप कारोबारी शमीम कबाड़ी के भाग जाने और मृत मजदूरों की संख्या स्पष्ट ना हो पाने तथा मृतकों के शवों के रूप में मात्र कुछ बॉडी पार्ट्स मिलने जैसी जानकारी और दुश्मन देश का छक्का छुड़ाने के लिए सेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले बमों के खोखे आदि की जानकारी के बाद केंद्रीय एजेंसियां सक्रिय हुई और अब उन्होंने यहां पड़ाव डाल लिया है। ऐसा माना जा रहा है कि अब कई तरह के संदेहो और लोगों के मन में उपज रहे सवालों से जल्द पर्दा हटाने वाला है। उम्मीद की जा रही है कि केंद्रीय एजेंसियां इस पूरे घटनाक्रम की वास्तविकता को उजागर करेंगे। जिसके चलते सरकारी विभागों के कई बड़े चेहरे भी बेनकाब हो सकते हैं।