शमीम कबाड़ी के गोदाम में धमाके : नहीं ढूंढे जा सके मिसिंग पर्सन, आज ग्राउंड जीरो पर इन्वेस्टिगेशन के बाद उतरेगी NDRF की टीम, फहीम कबाड़ी पुलिस की हिरासत में - khabarupdateindia

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शमीम कबाड़ी के गोदाम में धमाके : नहीं ढूंढे जा सके मिसिंग पर्सन, आज ग्राउंड जीरो पर इन्वेस्टिगेशन के बाद उतरेगी NDRF की टीम, फहीम कबाड़ी पुलिस की हिरासत में


रफीक खान
गुरुवार को दोपहर में हुए बाईपास स्थित खजरी खिरिया में रजा मेटल इंडस्ट्रीज यानी कि शमीम कबाड़ी के गोदाम में धमाके के बाद पूरे दिन भर पुलिस प्रशासन व एक्सपट्र्स की मौजूदगी में मिसिंग पर्सन को ढूंढा नहीं जा सका। जो मजदूर घटनास्थल पर मौजूद थे, विस्फोटकों की जांच के बीच उन्हें तलाशने की कोशिशे विफल रही। अलबत्ता शरीर के कुछ हिस्से जो दूर जाकर उचट गए थे, उन्हें संग्रहित कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रखवा दिया गया है। अब इनकी पहचान की कार्रवाई मेडिको लीगल प्रोसेस के तहत की जाएगी। शुक्रवार को सुबह ग्राउंड जीरो पर एक बार फिर एक्सपट्र्स द्वारा इन्वेस्टिगेशन किया जाएगा और फिर एनडीआरएफ NDRF की टीम अपना काम करेगी। उधर पुलिस ने आसपास के अनेक लोगों के बयान दर्ज करने के अलावा शमीम कबाड़ी के पुत्र रजा मेटल इंडस्ट्रीज के संचालक फहीम कबाड़ी को हिरासत में ले लिया है। घटना के बाद जबलपुर शहर में स्थित तमाम कबाड़ियों के गोदामो पर व्यापक स्तर पर छापा मार करवाई भी की गई।

गौरतलब है कि अधारताल रद्दी चौकी निवासी स्क्रैप के मामलों में चोरी से लेकर फर्जीवाड़े तक के लिए लंबे समय से कुख्यात रहे शमीम कबाड़ी के खजरी खिरिया बाईपास स्थित गोदाम रजा मेटल इंडस्ट्रीज में गुरुवार की दोपहर तेज धमाके हुए थे। विस्फोट का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कई किलोमीटर तक उसकी आवाज से इमारतें कांप उठी थी और उनमें दरारें आ गई हैं। आसपास के कई भवनों में टूट फूट हुई है। इंडस्ट्रीज भवन के तो परखच्चे उड़ गए। दीवारों के कुछ हिस्से के सहारे मेटल स्ट्रक्चर भर लटका रह गया है। गोदाम में रखा सामान पूरी तरह से नेस्तनाबूत हो गया। हां यह जरूर है कि बमों के खोखे जरूर तरह-तरह के संदेहों को जन्म देने के लिए यहां वहां बिखरे पड़े हुए थे। देर रात तक जांच दल इसी सब कवायत में व्यस्त रहे। हालांकि सिवाय इंडस्ट्री के संचालक शमीम कबाड़ी के पुत्र फहीम कबाड़ी को हिरासत में लिए जाने के अलावा किसी के हाथ में कुछ नहीं आ पाया।

पुलिस कर रही यह मौतों को लेकर दावा

सूचना पाकर घटनास्थल पर आईजी अनिल सिंह कुशवाहा, डीआईजी तुषारकांत विद्यार्थी, कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना तथा एसपी आदित्य प्रताप सिंह समेत पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों का बड़ा लश्कर पहुंच गया था। पुलिस अधिकारियों ने घंटों वहां मौजूद रहकर घटना की बारीकियों पर मंथन करते हुए घटना के कारकों को तलाशने की कोशिश की। अफसरो ने सेना व सैन्य क्षेत्र से जुड़े एक्सपर्ट को बुलाकर भी तफ्तीश करवाई। डॉग स्क्वॉड के जरिए भी जांच पड़ताल का दौर चलता रहा। इंडस्ट्री में काम करने वाले लोगों की सूची तैयार की गई और फिर पाया कि खलील और भोला नमक दो मजदूर मिसिंग है, जिनका कोई पता नहीं चल पाया है। बाकी सब कुशलता से अपनी जान बचाने में कामयाब रहे हैं। खलील और भोला के मलबे में दबे होने की भी संभावना है। पुलिस इस बात से भी इनकार नहीं कर रही है कि जो सूची तैयार हुई है, उसके अलावा भी और कोई हो सकता है लेकिन यह सब एनडीआरएफ की टीम द्वारा ऑपरेशन शुरू करने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।

दूर-दूर तक उचटे 100- 100 किलो वजनी मेटल पार्ट्स

पता चला है कि विस्फोट से न सिर्फ गोदाम की दीवार व छत के परखर्चे उड़े बल्कि अंदर रखे सामान भी दूर-दूर तक उचट कर जा गिरे। इनमें लगभग 100- 100 किलो वजन के मेटल पार्ट्स भी शामिल है। पुलिस ने देर रात तक सड़क के दूसरे छोर पर पड़े इन पार्ट्स को तलाशा तथा उठवा कर रखवाया भी गया। इतने शक्तिशाली विस्फोटकों की गंभीरता पर बार-बार जांच अधिकारी यह सोचने को मजबूर हो रहे हैं कि आखिर किस चीज से धमाके की शुरुआत हुई और फिर यह श्रृंखला कुछ देर तक लगातार चलती रही, जिससे इतनी भीषण घटना का रूप सामने आया।

कौन-कौन से बम थे और कहां से आए

पुलिस तथा एक्सपर्ट शुक्रवार को यह भी जांच करेंगे कि गोदाम में कौन-कौन से बम थे और यह कहां से ले गए थे? बमों का स्तर क्या था, उनकी मारक क्षमता और विस्फोटक क्षमता कितनी थी? इसकी भी पड़ताल की जाएगी। यह बम स्क्रैप में यहां पहुंचे या फिर जिंदा बम यहां किसी और तरह से लाए गए, यह सब जांच के दायरे में शामिल रखा गया है। पुलिस हिरासत में लिए गए फहीम कबाड़ी से भी सघन पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने शमीम कबाड़ी को भी अनेक ठिकानों पर ढूंढने की कोशिश की है लेकिन उसका कहीं कोई पता नहीं चल पाया है। शमीम कबाड़ी अगर पुलिस के हाथ लगता है और वास्तव में ईमानदारी से उससे पूछताछ की जाएगी तो निश्चित तौर पर बड़े खुलासे होने की संभावना है।

गोदाम में क्या-क्या काम होता था

रजा मेटल इंडस्ट्रीज के गोदाम में क्या-क्या काम होता था? इसकी जानकारी भी पुलिस ने गुरुवार को ली है और इसे वेरीफाई भी किया जा रहा है कि जो जानकारी पुलिस को जिम्मेदारों ने दी है, वह सही है या नहीं है। पुलिस अपने स्तर पर भी गोदाम की गतिविधियों की पूरी कुंडली तैयार करने में जुटी हुई है। घटना के बाद पुलिस ने जबलपुर के ओमती, बेलबाग, हनुमान ताल, गोहलपुर, अधारताल, गढ़ा तथा अन्य थाना क्षेत्र में स्थित कबाड़खानों में दबिश दी और व्यापक स्तर पर वहां जांच कर यह पता लगाने की कोशिश की गई कि कहीं कोई विस्फोटक सामग्री तो मौजूद नहीं है। कुछ कबाड़ियों को पुलिस थाने लाकर भी पूछताछ की गई और सभी कबाड़ियों को विस्फोटक से संबंधित चेतावनिया भी दी गई है।