जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि कचरा सेठ की शिकायत किसी और ने नहीं बल्कि उसके अपने परिजनों ने ही नगर निगम को की थी। स्वजन की शिकायत के बाद नगर निगम की टीम कचरा निकालने गई तो व्यापारी इसे करोड़ों का माल बताते हुए, कचरा देने से मना करने लगा और झगड़े तक पर अमादा हो गया। मामला मुरैना शहर के मुख्य बाजार, सदर बाजार का है। जहां रहने वाले व्यापारी योगेश गुप्ता के घर में कचरा जमा होने की शिकायत उन्हीं का स्वजन नगरनिगम के वार्ड पार्षद ममता राकेश गर्ग के पास लेकर पहुंचा और बताया, कि कचरे के कारण पूरा घर बीमार है। पार्षद ने तत्काल नगर निगम के सफाईकर्मियों की टीम बुलाई। सफाई दरोगा दाताराम ने जब योगेश गुप्ता के तीन मंजिला मकान के अंदर घुसकर देखा तो दंग रह गया। मकान की तीसरी मंजिल के कचरों और ऊपर छत पर कचरा भरा था, जिसमें फटे-पुराने कपड़े, प्लास्टिक का सामान आदि कचरा था। करीब 10 कर्मचारियों की टीम ने ढाई घंटे की मशक्कत के बाद छत व कमराें से इतना कचरा निकाला कि बाहर गली की सड़क पर ढेर लग गया। परिजनों का कहना है कि योगेश गुप्ता जहां कहीं भी जाते हैं, बोरियों से कचरा भरकर लेकर आ जाते हैं।
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि कचरा सेठ की शिकायत किसी और ने नहीं बल्कि उसके अपने परिजनों ने ही नगर निगम को की थी। स्वजन की शिकायत के बाद नगर निगम की टीम कचरा निकालने गई तो व्यापारी इसे करोड़ों का माल बताते हुए, कचरा देने से मना करने लगा और झगड़े तक पर अमादा हो गया। मामला मुरैना शहर के मुख्य बाजार, सदर बाजार का है। जहां रहने वाले व्यापारी योगेश गुप्ता के घर में कचरा जमा होने की शिकायत उन्हीं का स्वजन नगरनिगम के वार्ड पार्षद ममता राकेश गर्ग के पास लेकर पहुंचा और बताया, कि कचरे के कारण पूरा घर बीमार है। पार्षद ने तत्काल नगर निगम के सफाईकर्मियों की टीम बुलाई। सफाई दरोगा दाताराम ने जब योगेश गुप्ता के तीन मंजिला मकान के अंदर घुसकर देखा तो दंग रह गया। मकान की तीसरी मंजिल के कचरों और ऊपर छत पर कचरा भरा था, जिसमें फटे-पुराने कपड़े, प्लास्टिक का सामान आदि कचरा था। करीब 10 कर्मचारियों की टीम ने ढाई घंटे की मशक्कत के बाद छत व कमराें से इतना कचरा निकाला कि बाहर गली की सड़क पर ढेर लग गया। परिजनों का कहना है कि योगेश गुप्ता जहां कहीं भी जाते हैं, बोरियों से कचरा भरकर लेकर आ जाते हैं।