रफीक खान
मध्य प्रदेश के जबलपुर संभाग अंतर्गत आने वाले जिला नरसिंहपुर की गाडरवारा तहसील में एक हनुमान मंदिर के पास निर्मित किया जा रहे टॉयलेट पर रोक लगाने से हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है। उक्त आशय की याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज करते हुए कहा कि सिर्फ मंदिर ही नहीं लोगों के लिए टॉयलेट भी जरूरी है। हनुमान मंदिर के पास बनाए जाने वाले टॉयलेट का विरोध करने वालों को हाईकोर्ट ने संदेश दिया कि लोगों के स्वास्थ्य के मद्देनजर टॉयलेट का होना ज्यादा जरूरी है। टॉयलेट के जरिए आसपास की गंदगी न सिर्फ कम होती है बल्कि खत्म हो जाती है। स्वास्थ्य और स्वच्छता के दृष्टिकोण से टॉयलेट का निर्माण आवश्यक है।
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि यह याचिका गाडरवारा क्षेत्र के हिस्ट्रीशीटर बदमाश कपिल दुबे द्वारा प्रस्तुत की गई थी। कपिल दुबे की इस याचिका में हाईकोर्ट को बताया गया कि गाडरवारा नगर परिषद एक सुलभ शौचालय बना रही है और यह सुलभ शौचालय हनुमान मंदिर के पास में निर्मित किया जा रहा है। सुलभ शौचालय के बनने के बाद इस क्षेत्र का वातावरण खराब हो जाएगा और मंदिर के पास सुलभ शौचालय नहीं बनाया जाना चाहिए। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस जीएस अहलूवालिया ने याचिका को खारिज करते हुए हुए अपने आदेश में कहा कि सुलभ शौचालय गंदगी नहीं फैलाता बल्कि गंदगी को खत्म करता है। इससे मंदिर के आसपास का वातावरण खराब नहीं अच्छा होगा क्योंकि अभी इस क्षेत्र में लोग खुले में निस्तार कर रहे हैं। इसलिए शौचालय के स्थान को बदला नहीं जा सकता और यह उचित भी नहीं होगा। इस जगह पर ही टॉयलेट की आवश्यकता है।