रफीक खान
मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में एक ऐसे कथा वाचक का नाम सामने आया है, जिसकी हिम्मत की बात सुनकर पहले तो पुलिस वालों के ही होश उड़ गए लेकिन बाद में उसे दबोच कर हवालात पहुंचा दिया गया। पुष्पेंद्र दीक्षित नाम का यह कथा वाचक खुद को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह Centerel Minister Giriraj Singh का पीए Personal Assistant बताकर किसी और को नहीं बल्कि मध्य प्रदेश पुलिस के महानिदेशक Director General of police सुधीर सक्सेना को चमक रहा था। वजह यह थी कि पुष्पेंद्र दीक्षित अपने शिवपुरी और गुना में तैनात दो पुलिस निरीक्षकों का तबादला करवाना चाहता था। जब कथा वाचक ने DGP सक्सेना पर कुछ ज्यादा ही दबाव बनाया तो उन्होंने इस नंबर का पता लगाया और असलियत सामने आई तो कथावाचक के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उसे उसका सही ठिकाना बता दिया गया। दोनों पुलिस निरीक्षकों को सस्पेंड कर दिया गया है। कथा वाचक तथा दोनों पुलिस निरीक्षकों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि पुष्पेंद्र दीक्षित पेशे से कथावाचक है, लेकिन कथावाचक की आड़ में असल में वह नेता, मंत्री और बड़े अधिकारियों से अपने संपर्क बताकर लोगों को फंसाता है। पुष्पेंद्र दीक्षित फर्राटेदार संस्कृत बोलता है। आकर्षक वेशभूषा में वह विशुद्ध धार्मिक व्यक्ति नजर आता है और तमाम बड़े नेता, मंत्रियों आदि के साथ फोटो खिंचवाना, उनके संपर्क में रहने का भी आदि है। पुलिस का कहना है कि डीजीपी को संदेह हुआ तो उन्होंने गोपनीय तरह से उन नंबरों की पड़ताल कराई, जिनसे उन्हें फोन और मैसेज आ रहे थे। यह नंबर ग्वालियर का निकला तो ग्वालियर के पुलिस उच्चाधिकारियों ने जांच कराई। जब स्पष्ट हो गया कि यह नंबर केंद्रीय मंत्री के पीए का नहीं है तो कथावाचक पुष्पेंद्र को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। उसने दोनों निरीक्षकों के तबादले के लिए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का पीए बनकर डीजीपी को फोन करने की बात स्वीकार की। कथावाचक पुष्पेंद्र दीक्षित ने शिवपुरी जिले में कार्यरत थाना प्रभारी बैराड़ विनय यादव और गुना जिले के जामनेर थाने के टीआइ पंकज त्यागी के तबादले की सिफारिश की थी। दोनों के प्रार्थनापत्र डीजीपी को वाट्सएप पर भेजे थे। पुलिस ने आरोपी पुष्पेंद्र दीक्षित के पास से ₹100000 नगद, पांच मोबाइल, अनेक सरकारी विभागों के दस्तावेज,
अनेक आधार कार्ड तथा और भी कई महत्वपूर्ण सामग्रियां बरामद की है। पुलिस का कहना है कि ऐसी संभावना है कि कथा वाचक और भी कुछ बड़े अफसर के साथ संभवतः ऐसी हरकतें कर चुका हो।
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि पुष्पेंद्र दीक्षित पेशे से कथावाचक है, लेकिन कथावाचक की आड़ में असल में वह नेता, मंत्री और बड़े अधिकारियों से अपने संपर्क बताकर लोगों को फंसाता है। पुष्पेंद्र दीक्षित फर्राटेदार संस्कृत बोलता है। आकर्षक वेशभूषा में वह विशुद्ध धार्मिक व्यक्ति नजर आता है और तमाम बड़े नेता, मंत्रियों आदि के साथ फोटो खिंचवाना, उनके संपर्क में रहने का भी आदि है। पुलिस का कहना है कि डीजीपी को संदेह हुआ तो उन्होंने गोपनीय तरह से उन नंबरों की पड़ताल कराई, जिनसे उन्हें फोन और मैसेज आ रहे थे। यह नंबर ग्वालियर का निकला तो ग्वालियर के पुलिस उच्चाधिकारियों ने जांच कराई। जब स्पष्ट हो गया कि यह नंबर केंद्रीय मंत्री के पीए का नहीं है तो कथावाचक पुष्पेंद्र को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। उसने दोनों निरीक्षकों के तबादले के लिए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का पीए बनकर डीजीपी को फोन करने की बात स्वीकार की। कथावाचक पुष्पेंद्र दीक्षित ने शिवपुरी जिले में कार्यरत थाना प्रभारी बैराड़ विनय यादव और गुना जिले के जामनेर थाने के टीआइ पंकज त्यागी के तबादले की सिफारिश की थी। दोनों के प्रार्थनापत्र डीजीपी को वाट्सएप पर भेजे थे। पुलिस ने आरोपी पुष्पेंद्र दीक्षित के पास से ₹100000 नगद, पांच मोबाइल, अनेक सरकारी विभागों के दस्तावेज,
अनेक आधार कार्ड तथा और भी कई महत्वपूर्ण सामग्रियां बरामद की है। पुलिस का कहना है कि ऐसी संभावना है कि कथा वाचक और भी कुछ बड़े अफसर के साथ संभवतः ऐसी हरकतें कर चुका हो।