रफीक खान
केरल के वायानाड का किस्सा भी बड़ा ही रुला देने वाला है। जिस तरह की तबाही यहां लैंड स्लाइडिंग के चलते हुई है, रूह कांप जाती है। अनगिनत लोग अब तक लापता है तथा 134 लोगों के शव तो टुकड़ो में बरामद किए गए हैं। उनके शरीर कई टुकड़ों में फैले हुए पाए गए। वहीं इस बीच ईश्वर के चमत्कार की एक बड़ी खबर सामने आई, जहां 8 घंटे के कठिन फिसलन वाले रेस्क्यू ऑपरेशन में 4 लोगों को जिंदा निकाला गया है। इनमें एक से चार साल के तीन बच्चे शामिल है।
दरअसल मामला यह हुआ कि जंगल में एक चार साल के भटकते हुए आदिवासी बच्चे को फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की टीम ने देखा और उससे पूछा कि वह यहां कैसे भटक रहा है? 4 साल के इस मासूम बच्चे की निशानदेही पर पहाड़ों के बीच फिसलन वाले इलाके में गुफा की तरफ तलाशी की गई और फिर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। 8 घंटे के बहुत कठिन रेस्क्यू ऑपरेशन में 4 साल के बच्चे का पिता तथा उसके तीन और बच्चे वहां से जिंदा निकाल लिए गए। चूरलमाला के एराट्टुकुंडु ऊरु (बस्ती) के पास से 4 बच्चों समेत 6 लोगों का रेस्क्यू किया गया। पनिया समुदाय का यह आदिवासी परिवार पहाड़ी की चोटी पर एक गुफा में फंसा था। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के इस रेस्क्यू ऑपरेशन की न सिर्फ चौतरफा तारीफ हो रही है बल्कि लोगों में आशा की एक नई उम्मीद भी जगा दी है। केरल के वायनाड में भारी बारिश के बाद हुए लैंडस्लाइड में मरने वालों की संख्या 340 से अधिक हो गई है, और 300 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं। पांचवें दिन भी सर्च ऑपरेशन जारी है। राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। अब भी कई लोगों के मलबे में फंसे होने की खबर है। हालांकि मिट्टी और कीचड़ में दबे लोगों को तलाशना इतना आसान नहीं है। घटनास्थल से प्राप्त किए गए कई शवों का पोस्टमॉर्टम हो चुका है। जितने शवों की शिनाख्त हो चुकी है, उससे कहीं ज्यादा शव अभी भी लावारिस पड़े हुए हैं। जिनके अंतिम संस्कार की अब तैयारी की जा रही है।