8वें दिन भी टनल में फंसे 41 मजदूर नहीं निकाले जा सके, केंद्रीय मंत्री गडकरी पहुंचे, अब हॉलैंड की मशीन और रोबोट का किया जाएगा उपयोग - khabarupdateindia

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8वें दिन भी टनल में फंसे 41 मजदूर नहीं निकाले जा सके, केंद्रीय मंत्री गडकरी पहुंचे, अब हॉलैंड की मशीन और रोबोट का किया जाएगा उपयोग







RAFIQUE KHAN


उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में दिवाली के दिन हुए धसने के हादसे में फंसे मजदूरों की संख्या 40 से बढ़कर 41 पहुंच गई और दिन भी पूरे 8 बीत 
रहे हैं, लेकिन उन्हें अभी बाहर नहीं निकाला जा सका है। लगातार चल रहे प्रयासों को सफलता नहीं मिली है, बल्कि कई जोखिम बढ़ गए हैं। इस सबके बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को घटनास्थल पर पहुंचकर जायज लिया। अब टनल से फंसे हुए मजदूरों को वापस लाने के लिए हॉलैंड की मशीनरी तथा रोबोट के इस्तेमाल की तैयारी चल रही है। उधर फंसे हुए श्रमिकों का धैर्य भी जवाब दे रहा है तथा वह हर पल जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रहे हैं।

आपदा सचिव डॉ रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन में अब रोबोट की मदद ली जाएगी। सुरंग में मशीनों के इस्तेमाल से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मलबा लगातार गिरने से रेस्क्यू में बाधा आ रही है। 
 रेस्क्यू के दौरान सुरंग में कंपन और मलबा गिरने के खतरे पर ऑगर मशीन से ड्रिलिंग बंद कर दी गई है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कहना है, "पिछले 7-8 दिनों से हम पीड़ितों को बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। उन्हें जल्द से जल्द बाहर निकालना उत्तराखंड सरकार और भारत सरकार की प्राथमिकता है। बताया कि उन्होंने यहां काम करने वाले संबंधित अधिकारियों के साथ घंटे भर बैठक की है। हम छह वैकल्पिक विकल्पों पर काम कर रहे हैं और भारत सरकार की विभिन्न एजेंसियां यहां काम कर रही हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए चल रहे ऑपरेशन सिलक्यारा के लिए वरिष्ठ आईएएस अधिकार डॉ. नीरज खेरवाल को नोडल अफसर बनाया है। 

ड्रिलिंग के लिए अस्थायी मार्ग 

सिलक्यारा सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग के लिए अस्थायी मार्ग तैयार कर लिया गया है। जिसके बाद ऊपर एक पोकलैंड मशीन पहुंची है। 
राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लि. के निदेशक अंशु मनीष खलखो ने बताया कि ऊपर से ड्रिलिंग के लिए हुए वैज्ञानिक सर्वे के तहत करीब 103 मीटर चौड़ाई वाले क्षेत्र में ड्रिलिंग की जाएगी। एक सप्ताह का समय हो गया है लेकिन अंदर फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए खास काम नहीं हुआ है। बताया कि वह झूठ बोल बोलकर उन्हें यह कहते हैं कि मशीन लगी हुई है, तुम्हें जल्द बाहर निकाल दिया जाएगा। लेकिन उनका हौसला टूट रहा है। वह कहते हैं कि सूखा खाने पर वह कब तक जीयेंगे।