"आप" के बाद अब "बाप" की एंट्री, मजदूर के बेटे ने किया चंदा न कहीं लगे होर्डिंग न बैनर और जीत गया बंदा, बाइक से पहुंचा राजधानी - khabarupdateindia

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"आप" के बाद अब "बाप" की एंट्री, मजदूर के बेटे ने किया चंदा न कहीं लगे होर्डिंग न बैनर और जीत गया बंदा, बाइक से पहुंचा राजधानी





Rafique Khan

भारतीय राजनीति में अब "आप" के बाद अब "बाप" की एंट्री हो गई है। उम्र सिर्फ 3 महीने है और नाम है उसका बाप। राजस्थान में तीन तथा मध्य प्रदेश में एक सीट पर कब्जा जमाने वाली BAP ने इन विधानसभा चुनाव में AAP को भी पीछे छोड़ दिया है, क्योंकि यहां AAP का खाता भी नहीं खुल पाया। BAP के मध्य प्रदेश से चुने गए विधायक एक मजदूर के बेटे हैं। उन्होंने अपने चुनाव में ना तो कहीं होर्डिंग लगाए न बैनर बस चंदा किया और जीत का सेहरा पहन लिया। कमलेश्वर डोडियार नाम के इस विधायक का आशियाना झोपड़ी है और वाहन के नाम पर सिर्फ बाइक का जुगाड़ है। बुधवार को नवनिर्वाचित विधायक कमलेश्वर डोडियार बाइक पर सवार होकर 350 किलोमीटर की यात्रा करते हुए राजधानी जा पहुंचे।

BAP और उसके मध्य प्रदेश के सैलाना विधानसभा क्षेत्र से चुने गए विधायक के बारे में बताया जाता है कि Splendor बाइक पर MLA का स्टीकर और 350 किमी. का सफर कर जब सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार भोपाल में विधानसभा पहुंचे तो हर कोई हैरान रह गया। वहां हर विधायक का अपना अलग जलवा था लेकिन पैरों में चप्पल पहने और बाइक से आए डोडियार को देखना अपने आप में अलग था। कमलेश्वर डोडियार रतलाम जिले की सैलाना सीट से भारत आदिवासी पार्टी से चुनाव लड़कर विधायक बने हैं।

12 लाख रुपए का कर्ज भी लिया

बताया जाता है कि मजदूर माता-पिता के घर जन्मे कमलेश्वर डोडियार का झोपड़ी से लेकर विधानसभा तक का सफर किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है। 33 साल के कमलेश्वर के माता-पिता मजदूर हैं। सैलाना में एक झोपड़ी में उनका परिवार रहता है। यहीं पर कमलेश्वर का बचपन बीता। विधायक का चुनाव लड़ने के लिए पैसों की जरूरत होती है लेकिन कमलेश्वर के पास पैसा नहीं था लिहाजा उन्होंने 12 लाख रुपए का कर्ज लिया और चुनाव प्रचार के दौरान वो अपना क्यूआरकोड लेकर चलते थे, जिससे लोग उनकी मदद कर सकें। वो भारत आदिवासी पार्टी के बैनर तले चुनाव में उतरे और कांग्रेस उम्मीदवार हर्ष विजय गहलोत को 4618 वोट से मात दी। कमलेश्वर को 71,219 वोट मिले और हर्ष विजय को 66,601 वोट। भाजपा की संगीता चारेल तीसरे स्थान पर रहीं।

नामांकन से 7 दिन पहले जेल से छूटे थे

बताया जाता है कि कमलेश्वर डोडियार ने साल 2018 में भी सैलाना से चुनाव लड़ा था, तब उन्हें 18 हजार वोट मिले थे। वे लगातार अपने इलाके में सक्रिय रहे। साल 2022 में उन पर रतलाम के थाने में एक युवती ने दुष्कर्म का केस भी दर्ज कराया था, जिस कारण उन्हें जेल जाना पड़ा और 6 महीने पूर्व ही वो जेल से बाहर आए थे। जिस लड़की ने उन पर रेप केस दर्ज कराया था, उससे उनकी सगाई तय हुई थी लेकिन राजनीतिक कारणों से युवती के परिजन विवाह नहीं करना चाहते थे। नामांकन प्रक्रिया के सात दिन पहले ही कमलेश जेल से जमानत पर छूटे थे।