Rafique Khan
अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर में सोमवार को भव्य समारोह के दौरान प्राण प्रतिष्ठा कर दी गई। शंख के घोष और घंटी- घड़ियाल की स्वर लहरियों के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने रामलला की आरती उतारी। मोहन भागवत ने भी थाली में दीप रखकर आरती की। इस दौरान वहां मौजूद पुजारी चंवर हिलाकर प्रभु की सेवा करते रहे। योगी आदित्यनाथ भी ताली के साथ आरती गाते रहे। पूरी आरती के दौरान योगी हाथ जोड़े खड़े रहे। बाद में उन्होंने भी आरती उतारी। इसके साथ ही पूरे देश में जश्न और दीपावली जैसा माहौल बना हुआ है। सभी प्रमुख मंदिरों में विविध कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया है। सड़क और चौराहों पर भी अनेक आयोजन हो रहे हैं। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा राम मंदिर देव मंदिर नहीं है बल्कि यह भारत की दृष्टि और दर्शन का मंदिर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हम कारसेवकों के ऋणी है। पहले कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी। ऐसे लोग सामाजिक पवित्रता के भाव को नहीं समझ पाए। राममंदिर आपसी सदभाव और धैर्य का प्रतीक है। यह समाज को उज्जवल भविष्य के पथ पर प्रेरणा लेकर आया है। रामलला आग नहीं, ऊर्जा है। राम विवाद नहीं, समाधान है। राम सबके हैं। राम वर्तमान नहीं बल्कि अनंतकाल है। राम का उत्सव रामायण के वैश्विक परंपराओं का उत्सव भी बना है। आज अयोध्या में राम के विग्रह रूप के प्राण-प्रतिष्ठा नहीं हुई है, बल्कि भारतीय संस्कृति की प्राण प्रतिष्ठा है। यह मानवीय मूल्यों और आदर्शों की प्राण प्रतिष्ठा है।
23 जनवरी से भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा
22 जनवरी के शुभ मुहूर्त में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है। 23 जनवरी से मंदिर भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की वेबसाइट के अनुसार, राम मंदिर में दर्शन सुबह सात बजे से लेकर सुबह 11:30 बजे तक होंगे। इसके बाद फिर संध्या दर्शन दोपहर 2 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक होंगे। दर्शन के साथ रामलला की आरती में भी शामिल हो सकेंगे। इसके लिए आपको पास बुक करने होंगे। ये पास फ्री होंगे। हालांकि, ये पास पहले आपको बुक करने होंगे। दो तरीकों से पास बुकिंग कर सकते हैं। ऑफलाइन और ऑनलाइन मोड है। जन्मभूमि की वेबसाइट से ऑनलाइन पास बुक कर सकते हैं। ऑफलाइन जन्मभूमि के कैंप कार्यालय जाना होगा। सुबह की श्रृंगार आरती के लिए एक रात पहले बुकिंग करानी होगी। वहीं, संध्या आरती के लिए आधा घंटा पहले बुकिंग होनी चाहिए। बिना पास के मंदिर में प्रवेश नहीं मिलेगा। रामलला के दर्शन के लिए पहले पास बुक कराएं और अपनी गवरमेंट आईडी साथ लेकर जाना होगा। वहीं, एक बार में सिर्फ 30 लोग ही आरती में शामिल होंगे।
मोदी ने कहा- हम श्रीराम से क्षमायाचना भी करते हैं
करीब 45 मिनट के अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कई बातें बोलीं। प्रभु राम तो भारत की आत्मा के कण-कण से जुड़े हुए हैं। राम भारतवासियों के अंतर्मन में विराजे हुए हैं। हम भारत में कहीं भी किसी की अंतरात्मा को छुएंगे तो इस एकत्व की अनुभूति होगी और यही भाव सब जगह मिलेगा। हर युग में लोगों ने राम को जिया है। हर युग में लोगों ने अपने-अपने शब्दों में, अपनी-अपनी तरह से राम को अभिव्यक्त किया है। ये रामरस जीवन प्रवाह की तरह निरंतर बहता रहता है। मोदी ने कहा कि इस मौके पर हम प्रभु श्रीराम से क्षमायाचना भी करते हैं। हम इतने सदियों में उनकी प्राण प्रतिष्ठा नहीं कर पाए। मुझे पूरा विश्वास है कि आज हमें प्रभु राम अवश्य क्षमा कर देंगे।
रामराज्य लाने की जिम्मेदारी रामभक्तों की : भागवत
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि रामलला के साथ भारत का स्व लौटकर आया है। संपूर्ण विश्व को त्रासदी से राहत देने वाला भारत बनेगा। जोश के समय में होश की बात करने का काम दिया जाता है। पीएम मोदी ने कठोर व्रत रखा था। मैं उन्हें पुराने समय से जानता हूं कि वह तपस्वी है। रामलला बाहर क्यों गए थे? अयोध्या में कलह हुआ। रामलला 14 वर्ष के लिए बनवास गए और दुनिया के कलह को समाप्त कर घर लौटे। रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर हमको भी तप करना है। रामराज्य के जो सामान्य नागरिक का वर्णन है तो हमें उसका आचरण करना होगा। समाज में कलह की आदत छोड़नी पड़ेगी। करुणा, सेवा और परोपकार के लिए आगे बढ़े। अपने जीवन में लालच छोड़कर अनुशासन में रहने से रामराज्य आएगा।
रामभक्तों के मन में संतोष का भाव : योगी आदित्यनाथ
सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या विश्व की सांस्कृतिक राजधानी बन रही है। आज हर रामभक्त के मन में संतोष का भाव है। अयोध्या के विकास कार्यों का जिक्र करते हुए सीएम योगी ने कहा कि यह भारत के गौरव का आध्यत्मिक अनुष्ठान है। विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि अब परिक्रमा में कोई बाधा नहीं बनेगा। यहां के गलियों में गोलियां नहीं चलेंगी। उन्होंने कहा कि यह हमारे पीएम के नीतियों और योजनाओं का आधार है।