Rafique Khan
मध्य प्रदेश के विदिशा जिला अंतर्गत सिरोंज विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा का एक वीडियो इन दिनों जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो में वह स्पष्ट रूप से कहते आ रहे हैं कि उन्होंने वानप्रस्थ जीवन धारण कर लिया है और उन्होंने घर भी छोड़ दिया है। वह अब किसी के शादी विवाह में भी नहीं जाएंगे और बच्चों के क्रिकेट टूर्नामेंट से भी पूरी तरह से नाता खत्म कर दिया है। बीजेपी एमएलए ने बिंदुवार अपनी घोषणाएं बनाते हुए कहा कि मैंने अपने पैर भी पढ़वाना बंद कर दिए हैं, क्योंकि लोग मेरे पैर पढ़ कर खूब पुण्य कमा रहे हैं और मुझे मौका ही नहीं मिल रहा। गांव वालों ने जब एमएलए के पैर पड़ने को अपना अधिकार बताया तो उन्होंने फौरन जवाब दिया कि मुझे जिंदा देखना चाहते हो तो मेरे पर नहीं पड़ना। आप लोग मेरे सिर्फ हाथ जोड़ सकते हैं।
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि अपने बयानों को लेकर अकसर चर्चा में रहने वाले मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के सिरोंज से भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा के दो वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं। इनमें से एक वीडियो में वे जंगल में व्यायाम करते नजर आ रहे हैं, जबकि दूसरे वीडियो में वो खुद को लेकर बड़ी घोषणाएं करते हुए सामने मौजूद लोगों और अपने समर्थकों को चौंका रहे हैं। विधायक शर्मा द्वारा की गई गोषणा के बाद उनके समर्थकों में ये असमंजस बढ़ गया है कि आखिरकार वो क्या करें और क्या न करें ? उमाकांत शर्मा द्वारा अपने विधानसभा वासियों के बीच गंभीर घोषणा करते नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि 'मैं उमाकांत शर्मा आपका चरण सेवक सादर प्रणाम करता हूं, मैं एक घोषणा करना चाहता हूं, मैंने वानप्रस्थ ग्रहण कर लिया है। घर छोड़ दिया है, धोती कुर्ते के अलावा कुछ भी धारण नहीं करूंगा और अपना स्वागत सत्कार कराना भी अब बंद कर दिया है। लेकिन फिर भी आप लोग जबरदस्ती खर्चा करते हो और क्रिकेट प्रतियोगिता में जाना छोड़ दिया है। क्योंकि जो बच्चे क्रिकेट खेल रहे हैं, वो टेनिस बाल से खेल रहे हैं और वो जीवन में अच्छे खिलाड़ी नहीं बन सकते।' उन्होंने आगे कहा कि 'मैंने शादी ब्याह में जाना भी छोड़ दिया है। मैं अब किसी की शादी वगैरह में नही जाऊंगा। सिर्फ गमी में शामिल होऊंगा।' उन्होंने ये भी कहा कि 'अब से कोई मेरे पांव भी न पड़े।' इसपर सामने मौजूद ग्रामीणों और उनके समर्थकों ने कहा कि 'ये अधिकार आप हमसे नहीं छीन सकते।' जिसके बाद विधायक उमाकांत ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा कि 'आप लोग सिर्फ हाथ जोड़ सकते हैं। लेकिन पांव नहीं पड़ना, अगर उमाकांत को जिंदा देखना चाहते हो तो मेरे पांव अब कभी नहीं पड़ना।' उन्होंने एक जनप्रतिनिधि होते हुए भी अपना घर छोड़ दिया, स्वागत-सत्कार छोड़ दिया, शादी-ब्याह में जाना छोड़ दिया और पांव छूने को भी लोगों से मना कर दिया।