रफीक खान
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सेंट्रल जेल के सामने खड़े भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के मंडल उपाध्यक्ष को चाकू से गोद कर मौत के घाट उतार दिया गया। शुक्रवार की शाम हुई इस घटना के बाद न सिर्फ पार्टी जनों बल्कि भाजपा युवा मोर्चा के नेता के संबंधियों में खासा रोष देखा गया। शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद लिंक रोड नंबर दो पर शव रखकर प्रदर्शन किया गया। चक्काजाम की स्थिति में घंटों यातायात प्रभावित रहा। मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की और वरिष्ठ अधिकारियों की समझाइश पर परिजनों ने अपने आंदोलन को समाप्त करने की सहमति जताई। परिजनों व संबंधियों की मांग थी कि घटना की निष्पक्ष जांच होना चाहिए तथा हमलावरों के अलावा भाजपा नेता की हत्या की साजिश रचने वालों का भी पर्दाफाश होना चाहिए। पुलिस ने फिलहाल चार लोगों को हत्या का आरोपी बनाया है। अभी जांच जारी है।
जानकारी के मुताबिक बताया जाता है कि सतीश खरे नामक एक बदमाश को हत्या के मामले में जेल हो चुकी है। वह पिछले एक महीने से पेरोल पर था। शुक्रवार को पेरोल खत्म होने पर विकास वर्मा अपने दोस्त ईशु खरे के साथ सतीश खरे को जेल छोड़ने गया था। रास्ते में पंचशील नगर निवासी सुरेंद्र कुशवाहा (27) भी मिल गया। सतीश खरे को जेल छोड़ने के बाद तीनों जेल कैम्पस से बाहर निकले, तभी सांची पार्लर के पास संदेश नरवारे, आकाश भदौरिया, छोटा चेतन उर्फ फैजल और दीपांशु सेन ने चाकू से हमला कर दिया। इस दौरान दोनों गुटों के बीच चाकूबाजी हुई। सुरेंद्र की जांघ में चाकू लगा, जबकि विकास वर्मा के हाथ में चाकू लगा। दोनों घायलों को सबसे पहले श्रद्धा अस्पताल ले जाया गया। इतने में सुरेंद्र की हालत गंभीर होने पर उसे एम्स ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने सुरेन्द्र कुशवाहा को मृत घोषित कर दिया। मृतक सुरेन्द्र कुशवाहा परिवार में इकलौता बेटा और अकेला कमाने वाले था। उनसे छोटी एक बहन है और पिता का 10 साल पहले निधन हो चुका है। दोनों पक्षों के बीच किस बात को लेकर विवाद हुआ है, यह भी अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। पुलिस हमलावर और मृतक पक्ष के बीच विवाद की वजह भी पता लग रही है।