रफीक खान
मिलावट और नक्काली में शराब भी पीछे नहीं है, शराब के कारोबार में भी इस समय यह धारा जमकर चल रहा है। अधिक पैसों की कमाई के चक्कर में शराब का कारोबार करने वाले लोग तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। हालांकि शराब भले ही नशे की चीज है लेकिन नशा करने वालों को इतनी सुध तो है ही कि वह जिस चीज का सेवन कर रहे हैं। वह असली है या नहीं मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में लंबे समय से ब्रांडेड शराब की बोतलों में सस्ती और घटिया शराब भर कर बेची जा रही थी। शराब के शौकीन कई शराबियों ने आबकारी विभाग को इस बात की सूचना और शिकायत दी। शिकायतों पर आबकारी विभाग ने भी इनपुट लिए और पाया कि यह शिकायत सच है। आबकारी विभाग की टीम ने छापा मार कार्रवाई कर ब्रांडेड बोतलों में बिकने वाली घटिया दारु को जप्त कर कार्रवाई की है। आबकारी विभाग और भी ऐसे ठिकानों को पता लग रहा है, जहां यह हरकत की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि इन बॉटल्स में 400 से 500 रुपए वाली सस्ती शराब भरी हुई थी। मामले में 3 युवकों को पकड़ा है। एक कार, एक एक्टिव भी जब्त की गई। अफसरों की माने तो यह शराब नकली भी हो सकती है। इसलिए विभाग जांच में जुटा है। महंगी ब्रांड के बोतलों में भरकर घटिया और सस्ती शराब राजधानी भोपाल के रेस्टोरेंट और ढाबों में लोगों को परोसी जा रही है। आबकारी विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि शराब पीने वाले सभी लोगों को बोतल लेने से पहले उसके लेवल की जांच करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि फर्जी बोतलों में भारी दारू ओरिजिनल बोतल से थोड़ी सी कम रहती है। यह इसकी मुख्य पहचान है। बताया जाता है कि एमपी नगर स्थित चेतक ब्रिज के पास से एक सफेद रंग की एक्टिवा में 12 बोतल अंग्रेजी शराब का परिवहन करते हुए रितिक पिता रमेश चौधरी निवासी बिजली कॉलोनी गोविंदपुरा को दबोचा। जब्त शराब की बोतलें ब्रांडेड थी। जिनकी बाजार कीमत 20 हजार रुपए तक है। जांच की गई तो उसमें भरी शराब ब्रांडेड न होकर सस्ती थी। आरोपियों को कोट में पेश किया गया है। आगे की कार्रवाई जांच के लिए बाद होगी उन्होंने बताया कि इस मामले में बड़ी कार्रवाई हो सकती है। यह कानून के हिसाब से बहुत बड़ा अपराध है।