रफीक खान
मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर से गुरुवार की रात एक सनसनीखेज खबर सामने आई है। मामला यह है कि अधारताल राजस्व संभाग में पदस्थ तहसीलदार अधारताल हरि सिंह धुर्वे तथा राजस्व विभाग के पटवारी, कंप्यूटर ऑपरेटर तथा अन्य लोगों ने मिलकर तमाम तरह का फर्जीबाड़ा कर असली मालिक से उसकी जमीन छीन ली। नामांतरण कर राजस्व रिकॉर्ड को दुरुस्त कर दिया गया। मामला संज्ञान में आने के बाद गोपनीय तरीके से कलेक्टर तक पहुंचा और फिर मामला पुलिस को सौंप दिया गया। पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद अपराधिक प्रकरण दर्ज कर लिया है। विजयनगर थाना पुलिस ने तहसीलदार समेत 7 लोगों को आरोपी बनाया है। इनमें तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। राजस्व विभाग में इस तरह की फर्जीबाड़े यूं तो आम है लेकिन जिस तरह से सक्रियता के साथ इस मामले को पकड़ा गया और उसके बाद जांच पड़ताल के साथ ही एफआईआर भी दर्ज की गई, इससे फर्जीबाड़ा करने वालों में हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई है। रीवा संभाग के मऊगंज में रिश्वत लेते हुए अपर कलेक्टर की गिरफ्तारी और उसके बाद जबलपुर शहर में तहसीलदारी की गिरफ्तारी निश्चित तौर पर शासन का एक कड़ा कम कहा जा सकता है। इतना ही नहीं तहसीलदार समेत 7 लोगों को आरोपी बनाया गया। इनमें पटवारी जोगेंद्र पिपरे, कंप्यूटर ऑपरेटर दीपा दुबे भी शामिल है। एफआईआर दर्ज होने की बात सार्वजनिक होती, उसके फौरन बाद ही तहसीलदार को पुलिस ने दबोच भी लिया। विस्तृत समाचार स्कैन कॉपी में देखा जा सकता है। Fraud: Land snatched from real owner, Adhartal Tehsildar arrested, FIR against 7 including Patwari, computer operator