रफीक खान
अमूमन ऐसा ही होता है, ज्यादातर शासकीय अधिकारी जब भर्ती होते हैं तब उनके पास में कुछ नहीं होता है और समय के बढ़ते चक्र में उनके पास में अकूत दौलत का अंबार लगने लगता है। राजस्थान में पदस्थ एक प्रशासनिक अधिकारी की भी यही गाथा है। राजेंद्र विजय नाम के इस अफसर की भर्ती RAS एग्जाम के जरिए हुई थी और अब वह IAS हो गया है। भरती के समय उनके पास में कुछ नहीं था लेकिन अब वह करोड़ों रुपए के शोरूम और अनेक बिजनेस के मालिक बन बैठे हैं। एसीबी ने उनका कच्चा चिट्ठा खोलना शुरू कर दिया है और जांच पड़ताल जारी है। There was nothing when I was recruited, as soon as I became an IAS, showrooms worth crores were opened.
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि आईएएस राजेंद्र विजय की अकूत संपत्ति का खुलासा हुआ है। सी-स्कीम में 4 करोड़ 83 लाख का व्यावसायिक शोरूम है। अपने बेटों की पढ़ाई पर 1 करोड़ 20 लाख रुपए खर्च किए हैं। आय से अधिक संपत्ति के मामले में एसीबी ने बुधवार को आईएएस राजेंद्र विजय के घर पर छापा मारा। जयपुर, कोटा और दौसा में सर्च किया, जिसमें करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज बरामद किए गए। जांच में IAS राजेंद्र विजय के पास आय से 47% अधिक राशि का पता चला। सांगानेर में 70 लाख रुपए की जमीन मिली। IDBI बैंक खाते में 4.56 लाख, SBI बैंक खाते में 1.64 लाख रुपए और HDFC बैंक खाते में 20 हजार रुपए पाए गए। राजेंद्र विजय ने पत्नी साधना के नाम पर भी संपत्ति बनाई. सी-स्कीम में 4 करोड़ 83 लाख का व्यावसायिक शोरूम, जगतपुर में 20 लाख का प्लॉट, टोंक रोड पर 26 लाख का मकान और प्लॉट, फागी में 67 लाख रुपए का इंडस्ट्रियल जमीन , सिद्धार्थ नगर ने 34 लाख का आवासीय प्लॉट सहित कई जमीन के दस्तावेज मिले हैं। पत्नी साधना के IDBI बैंक खाते में 12 लाख 44 हजार, SBI में 3 लाख 82 हजार, SBI में 3 लाख 17 हजार, HDFC बैंक के खाते में 54 हजार रुपए मिले। RAS अफसर बने तो राजेंद्र विजय के नाम नहीं थी संपत्ति विजय 1991 में RAS अफसर बने तो उनके नाम पर कोई संपत्ति नहीं थी। जांच में कोई ऐसे दस्तावेज नहीं मिले, जो उनकी जॉइनिंग के समय उनके नाम कोई प्रॉपर्टी पता चल सके।