देश में अगर संकट होगा तो तटस्थ नहीं रह सकता सुप्रीम कोर्ट, जस्टिस गवई बोले- संविधान से ऊपर कुछ भी नहीं - khabarupdateindia

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देश में अगर संकट होगा तो तटस्थ नहीं रह सकता सुप्रीम कोर्ट, जस्टिस गवई बोले- संविधान से ऊपर कुछ भी नहीं


रफीक खान
भारत के मुख्य न्यायाधीश की जल्द ही आसंदी संभालने वाले सुप्रीम कोर्ट केÀ जस्टिस बी आर गवई ने यहां कहा कि उनके पिता बाबा साहब अंबेडकर के साथ बौद्ध धर्म के अनुयाई बने थे और इस तरह वे भारत के पहले बौद्ध चीफ जस्टिस होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जब उनका देश संकट की घड़ी से गुजर रहा हो तो ऐसी स्थिति में सुप्रीम कोर्ट ना तो खामोश बैठेगा और ना ही तटस्थ रहेगा। आखिर वह भी इस देश के जिम्मेदार नागरिक है और देश के मौजूदा संकट से कहीं ना कहीं प्रभावित है, ऐसी स्थिति में कैसे तटस्थ रहा जा सकता है। If there is a crisis in the country, the Supreme Court cannot remain neutral, Justice Gavai said- nothing is above the Constitution

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत के 52वें चीफ जस्टिस के रूप में बुधवार (14 मई) को शपथ लेने से पहले जस्टिस बी.आर. गवई ने पहलगाम में आतंकी हमले पर दुख व्यक्त किया और कहा कि जब पूरा देश शोक में हो तो सुप्रीम कोर्ट अछूता नहीं रह सकता।उन्होंने कहा, मैं सभी धर्मों में विश्वास करता हूं। मैं मंदिर, दरगाह, जैन मंदिर, गुरुद्वारा - हर जगह जाता हूं।'' देश के पहले बौद्ध चीफ जस्टिस बनने की दहलीज पर खड़े होने पर उन्होंने गर्व महसूस किया। संवैधानिक पदाधिकारियों द्वारा न्यायपालिका के खिलाफ कथित कड़े शब्दों के इस्तेमाल के मुद्दे पर जस्टिस गवई ने कहा, ''लोग कुछ भी कहें, लेकिन संविधान सर्वोच्च है। केशवानंद भारती की अध्यक्षता वाली 13 जजों की पीठ के फैसले में यह बात कही गई है।'' जस्टिस बी आर गवई 14 मई को भारत के नए चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे।