रफीक खान
केरल निवासी नर्स निमिषा प्रिया को बुधवार को दिल में गोली मारकर सजा-ए -मौत दी जाएगी। यमन में अपने बिजनेस पार्टनर की हत्या के आरोप में नर्स निमिषा प्रिया को यह सजा सुनाई गई है। निमिषा प्रिया के परिजनों ने हर संभव कोशिश कर ली है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र सरकार से सवाल जवाब किया और अंततः केंद्र सरकार ने भी स्पष्ट कर दिया कि जितना उनके अख्तियार में था, उससे ज्यादा किया जा चुका है लेकिन सजा ए मौत में हस्तक्षेप किया जाना मुमकिन नहीं है। वही अपुष्ट तौर पर यह भी कहा गया कि अधिकृत जानकारी नहीं है लेकिन अपरिहार्य स्थितियों के चलते निमिषा की सजा टाली भी जा सकती है। "Death penalty" Kerala resident nurse will be "shot in the heart" in Yemen tomorrow, Central Government also raised its hands
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कहा जाता है कि केरल की नर्स निमिषा नर्सिंग की पढ़ाई करने के बाद नौकरी के लिए यमन चली गई थी। वहां उसने पहले नौकरी की, बाद में यमन के नागरिक तलत अबदो मेंहदी के साथ मिलकर क्लीनिक शुरू किया। मेंहदी ने उसका आर्थिक और शारीरिक शोषण करना शुरू कर दिया। उसका पासपोर्ट व अन्य दस्तावेज भी छीन लिए ताकि निमिषा वापस भारत न जा सके। निमिषा के पति और बेटी 2014 में भारत वापस आ गए थे लेकिन निमिषा वहीं रही। बाद में निमिषा ने पासपोर्ट वापस लेने के लिए मेंहदी को बेहोशी का इंजेक्शन दिया लेकिन दवा की खुराक ज्यादा होने से मेंहदी की मौत हो गई और निमिषा को हत्या के जुर्म में मौत की सजा सुनाई गई। निमिषा पिछले आठ साल से यमन में जेल में है।
ऐसे दी जाती है मौत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कहा जाता है कि सजा के समय कैदी को आमतौर पर एक कंबल या कपड़े में लपेटा जाता है। उसे कंबल या गलीचे पर उल्टा लिटाया जाता है। पीठ पर डॉक्टर ठीक उस जगह पर दिल का निशान बनाता है, जहां दिल होता है। फिर जल्लाद ऑटोमेटिक राइफल से उसकी पीठ पर खासकर दिल के स्थान पर कई राउंड तड़ातड़ फायर करता है ताकि उसकी तुरंत मृत्यु हो जाए।
हर कोशिश हो गई फेल
भारत के अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी मैं सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि होती विद्रोहियों के नियंत्रण के चलते यमन में कुछ भी किया जाना संभव नहीं है। जहां तक ब्लड मनी का मामला है, यह प्रक्रिया निजी तौर पर होती है। दोनों पक्षों के बीच इस पर निर्णय होता है। इसमें सरकार कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकती। यमन के राष्ट्रपति द्वारा भी मामले में अंतिम तौर पर मोहर लगाई जा चुकी है।