आबकारी ठेकों में धांधली और धोखाधड़ी मामले में डिप्टी कमिश्नर रहे विनोद रघुवंशी को 4 साल की सजा - khabarupdateindia

खबरे

आबकारी ठेकों में धांधली और धोखाधड़ी मामले में डिप्टी कमिश्नर रहे विनोद रघुवंशी को 4 साल की सजा


रफीक खान
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की शराब दुकानों के ठेके में धांधली और धोखाधड़ी के मामले में चल रहे प्रकरण की सुनवाई उपरांत न्यायालय ने डिप्टी कमिश्नर रहे विनोद रघुवंशी को 4 साल की सजा सुनाई है। आबकारी विभाग के एक बड़े अफसर को भले ही रिटायर होने के बाद इस सजा से दंडित किया गया हो लेकिन महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले में एक अन्य आरोपी आबकारी विभाग के रिटायर्ड क्लर्क ओपी शर्मा को भी 2 साल के कारावास से दंडित किया गया है। विनोद रघुवंशी जबलपुर में भी काफी समय पदस्थ रहे और यहां भी उन पर काफी आरोप लगे लेकिन रसूख के चलते उनका जबलपुर में कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाया था। Vinod Raghuvanshi, who was the Deputy Commissioner, was sentenced to 4 years in jail in the case of fraud and rigging in excise contracts

जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि 5 मार्च 2002 को अजय अरोरा ने अशोक ट्रेडर्स फर्म में हिस्सेदारी ली थी और पार्टनरशिप डीड तैयार हुई थी। वह 18 प्रतिशत के हिस्सेदार थे। 6 मार्च 2022 को फर्म ने आबकारी के ठेके की नीलामी में हिस्सा लिया। आबकारी ने ठेके की नीलामी स्वीकार कर फर्म को ठेका आवंटित कर दिया। इससे फर्म को शराब के व्यवसाय का लाइसेंस मिल गया लेकिन, आरोपी विनोद रघुवंशी और ओपी शर्मा ने धोखाधड़ी कर 6 मार्च 2003 की नकली पार्टनरशिप डीड तैयार कर दी और अजय अरोरा को फर्म की हिस्सेदारी से बाहर कर दिया।आरोपियों ने फर्म के अन्य पार्टनर को फायदा पहुंचाने के लिए 6 मार्च से 11 मार्च 2003 के बीच भोपाल आबकारी कार्यालय के रिकॉर्ड में अजय अरोरा का नाम हटाकर नकली पार्टनरशिप डीड लगा दी थी।राजधानी भोपाल के जिला एवं सत्र न्यायालय से अपर सत्र न्यायाधीश दीपक बंसल ने आपराधिक अपील क्र. 489/2023 में विनोद रघुवंशी जो कि पूर्व उपायुक्त आबकारी विभाग की सजा को 4 साल बढ़ाते हुए उनकी अपील ख़ारिज कर दी l यह मध्य प्रदेश के इतिहास में सम्भवतः पहली बार हुआ की किसी आबकारी विभाग के उच्च अधिकारी को न्यायालय द्वारा इतनी कड़ी सजा आपराधिक कृत्य के लिए दी है। यह मामला 2003-04 के भोपाल के आबकारी ठेकों में हुई धोखाधड़ी और धांधली से जुड़ा हुआ है। जिसमें पीड़ित सोम डिस्टलरीज के मालिक अजय अरोरा को उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय के कई बार चक्कर काटने पड़े और 22 साल लंबी लड़ाई के बाद उन्हें न्याय मिला। भोपाल के आबकारी ठेकों में हुई धोखाधड़ी व धांधली से अनुचित लाभ प्राप्त करने वाले व्यक्तियों भगवती प्रसाद कुल्हरा, बद्री प्रसाद जायसवाल, हरप्रसाद जायसवाल सहित बाकी आरोपियों को पहले ही सजा सुनाई जा चुकी थी।फरियादी सोम डिस्टलरीज के अजय अरोरा ने आरोपियों को खिलाफ प्राइवेट कंप्लेंट दायर की थी। इस मामले में भोपाल कोर्ट ने 29 अगस्त 2023 को विनोद रघुवंशी और ओपी शर्मा को तीन-तीन साल की सजा सुनाई थी।