मध्य प्रदेश के जबलपुर में फ्रॉड का एक नया कारनामा सामने आया है। बैंकों को चूना लगाने वालों ने एक नई हिक्मत का इस्तेमाल किया और 2 करोड रुपए ठग लिए। दरअसल एचडीएफसी बैंक से 89 लोगों ने लोन पास करवाए और यह लोन सोने के बदले लिया गया था। सोने के नाम पर पीतल के आभूषणों पर सोने का पानी चढ़ावा कर धोखेबाजी की गई। इस पूरे मामले में एच.डी.एफ.सी. बैंक की सिविल लाइन, अधारताल, रांझी, धनवंतरी नगर एवं तिलहरी शाखा में उप परीक्षक की मिली-भगत से नकली आभूषण अमानत के तौर पर रखकर 1 करोड 99 लाख 76 हजार रूपये का लोन लेने वालों के विरूद्ध पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है। मामले में विवेचना जारी है और निश्चित तौर पर इसमें 100 से अधिक आरोपी बनने वाले हैं।
घटना के संबंध में जबलपुर पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने प्रेस नोट जारी कर बताया है कि विक्रम सिंह चौहान उम्र 39 वर्ष निवासी एलआईजी 12 पुनित नगर आधारताल ने शिकायत की कि वह एचडीएफसी बैंक में लोकेशन मैनेजर के पद पर कार्यरत है। एचडीएफसी बैंक लिमिटेड कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत निगमित एक बैंकिंग कंपनी है, और बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 द्वारा शासित, जिसका पंजीकृत कार्यालय एचडीएफसी बैंक लिमिटेड, बैंक हाउस, सेनापति बापट मार्ग, लोअर परेल (पश्चिम), मुंबई में होकर बैंक की शाखा कार्यालय एचडीएफसी बैंक जीसीएफ रोड सिविल लाईन जबलपुर में स्थित है।
इन प्रकरणों से हुई जांच की शुरुआत
जानकारी के मुताबिक बताया जाता है कि विगत वितीय वर्ष में कुछ ग्राहकों के द्वारा लिए गए गोल्ड लोन के नियमित ऑडिट में दो ग्राहक मनोज कुमार पटेल निवासी न्यूरामनगर, चितरंजन वार्ड, गोहलपुर अमखेऱा, जिसका लोन 1,94,800 रुपये का, दिनांक 22/08/2022 एवं राहुल यादव निवासी श्री गणेश क्लासेस, गणेश नगर, कछपुरा, जबलपुर का लोन 2,74,400/- रुपये का दिनांक 02/08/2022 को एचडीएफसी बैंक शाखा सिविल लाईन से निष्पादित हुआ था।
इस तरह खुला गड़बड़ घोटाले का राज
बताया जाता है कि सीआईसी विभाग के परीक्षक अजय कुमार सोनी व्दारा आडिट के दौरान स्वर्ण आभूषणों को देखने पर उनकी शुद्धता पर संदेह होने पर सम्बंधित दोनो ग्राहको को नोटिस भेजकर उक्त आभूषणों की जांच हेतु बुलाया गया। उक्त ग्राहकों को नोटिस भेजने एवं निरंतर बुलाने पर भी जब दोनों ग्राहक बैंक में प्रस्तुत नहीं हुए तो बैंक द्वारा नियमानुसार नोटरी की उपस्थिति में उक्त ग्राहकों के आभूषणों की जांच कराई गयी, जिस पर ज्ञात हुआ की बैंक को लोन हेतु अमानत के तोैर पर दिए गए आभूषण नकली है आभूषणों पर स्वर्ण की परत चढाई गयी है।
उप परीक्षक सत्यप्रकाश सोनी की भूमिका पर संदेह
बताया जाता है कि बैंक अधिकरियों के समक्ष उक्त घटना सामने आने पर बैंक द्वारा नकली पाए गए आभूषणों के समान या मिलते जुलते आभूषणों जो अन्य ग्राहकों द्वारा लोन के लिए अमानत के तौर पर दिए थे, उनकी जांच करवाने पर कुछ अन्य ग्राहकों के भी आभूषण नकली पाए गए। नकली पाए गए अन्य आभूषणों, ऋण ग्रहिताओ की प्रोफाइल एवं बैंक द्वारा नियुक्त जांच परीक्षक की जानकारी निकाली गयी तो उक्त सभी ऋण प्रक्रिया में बैंक द्वारा नियुक्त उपपरीक्षक सत्य प्रकाश सोनी निवासी सोनी भवन के पास, गोकलपुर रांझी द्वारा उक्त आभूषण का परिक्षण किया जाना पाया गया, जिससे बैंक अधिकारीयों को उप परीक्षक सत्यप्रकाश सोनी की भूमिका पर संदेह हुआ।
जांच में नकली पाए गए सोने के आभूषण
जानकारी के मुताबिक उपरोक्त वर्णित घटना क्रम एव परिस्थिति को देखते हुए, बैंक अधिकारियों ने उपपरीक्षक सत्यप्रकाश सोनी द्वारा परिक्षण किये गए आभूषणों जिसके आधार पर बैंक की अन्य ब्रांचो से लोन लिये गए थे, उनकी भी जांच कराई गयी, जिसके परिणाम स्वरूप बैंक की पांच ब्रांच सिविल लाइन, अधारताल, रांझी, धनवंतरी नगर एवं तिलहरी में नकली आभूषण अमानत के तौर पर रखकर कुल 83 ऋण जिसकी कुल राशि 1 करोड 99 लाख 76 हजार रूपये है निष्पादित किया जाना पाया गया।
2 से 3 हजार रुपये देने का वादा
बताया जाता है कि ग्राहकों से बैंक अधिकारियों द्वारा पूछताछ करने पर, मनोज कुमार पटेल, विवेक कुमार झारिया व गौरव कुमार रंजन ने मौखिक व लिखित रूप से यह बताया की उनके परिचित क्रमशः अंकित सैनी उम्र 33 वर्ष निवासी कालीमठ मार्ग अमनपुर वार्ड नं. 07 वीर सावरकर वार्ड नियर काली मंदिर थाना गढ़ा , पंकज विश्वकर्मा उम्र 30 वर्ष निवासी राम मैरिज गार्ड के पीछे नियर रेणुका किराना स्टोर राम नगर आधारताल व शुभम साहू निवासी नानक नगर मानेगाव राझी के द्वारा उन्हें 2-3 हजार रुपये देने का वादा कर उनके नामों से ऋण करवाया गया था एवं उक्त ऋण प्राप्त करने के लिए जो स्वर्ण आभूषण दिए गए थे वह भी उन्ही लोगो के द्वारा उपलब्ध करवाए गए थे। उक्त सभी लोगो द्वारा बैंक से गोल्ड लोन लिया गया है उक्त सभी लोगो के गोल्ड (आभूषण) जाच में नकली पाये गये है। जब बैंक द्वारा उक्त ऋण के लिए उपलब्ध कराये गए आभूषणो की नियमानुसार जांच करवाई गयी तो मनोज कुमार पटेल, विवेक कुमार झारिया व गौरव कुमार रंजन के आभूषण नकली पाए गए। बैंक अधिकारीयों द्वारा जब उपपरीक्षक सत्यप्रकाश सोनी से पूछे जाने पर उसके द्वारा आभूषणो की जांच में चूक हो जाना बताया गया। जाच में कुल 83 गोल्ड लोन खाता धारको का गोल्ड नकली पाया गया है, उक्त सभी 83 लोन के गोल्ड की जांच उपपरिक्षक सत्य प्रकाश सोनी व्दारा की गई थी।
सिविल लाइन थाने में अपराध हुआ पंजीबद्ध
बताया जाता है कि इस प्रकार बैंक के उपपरीक्षक सत्य प्रकाश सोनी, खाता धारक अंकित सैनी, पंकज विश्वकर्मा, शुभम साहू एवं अन्य के द्वारा षड़यंत्र पूर्वक बैंक के साथ कुल 1 करोड 99 लाख 76 हजार रूपये की धोखाधड़ी कर स्वयं को लाभ एवं बैंक को क्षति पहुंचायी गयी है। पुलिस अधीक्षक जबलपुर आदित्य प्रताप सिंह (भा.पु.से.) द्वारा शिकायत पर वैधानिक कार्यवाही करने हेतु आदेशित किये जाने पर थाना सिविल लाईन में सत्य प्रकाश सोनी, खाता धारक अंकित सैनी, पंकज विश्वकर्मा, शुभम साहू एवं अन्य के विरूद्ध धारा 420, 120बी भा.द.वि. का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया। अति. पुलिस अधीक्षक शहर श्रीमति प्रियंका शुक्ला (भा.पु.से.) एवं नगर पुलिस अधीक्षक ओमती श्री पंकज मिश्रा के मार्गनिर्देशन में थाना प्रभारी सिविल लाईन धीरज कुमार राज के नेतृत्व में टीम गठित कर लगायी गयी।
इन्हें गिरफ्तार कर लिया रिमांड पर
बताया जाता है कि गठित टीम द्वारा सरगर्मी से तलाश करते हुये अंकित सैनी उम्र 33 वर्ष निवासी कालीमठ मार्ग अमनपुर वार्ड नं. 07 वीर सावरकर वार्ड नियर काली मंदिर थाना गढ़ा , पंकज विश्वकर्मा उम्र 30 वर्ष निवासी राम मैरिज गार्डन के पीछे नियर रेणुका किराना स्टोर राम नगर आधारताल को अभिरक्षा में लेते हुये दोनों को प्रकरण में विधिवत गिरफ्तार कर मान्नीय न्यायालय मे पेश करते हुये पूछताछ हेतु पुलिस रिमाण्ड पर लिया गया है।