गुना बस हादसे पर CM का सख्त एक्शन, प्रमुख सचिव, परिवहन आयुक्त, एसपी, कलेक्टर, आरटीओ समेत दर्जन भर अधिकारियों पर गिरी गाज - khabarupdateindia

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गुना बस हादसे पर CM का सख्त एक्शन, प्रमुख सचिव, परिवहन आयुक्त, एसपी, कलेक्टर, आरटीओ समेत दर्जन भर अधिकारियों पर गिरी गाज




Rafique Khan



मध्य प्रदेश के गुना जिले में बुधवार की रात 40 यात्रियों से भरी बस के डंपर से टकरा जाने के बाद लगी आग और उसमें जिंदा जलकर 13 यात्रियों की दर्दनाक मौत के बाद सीएम डॉक्टर मोहन यादव ने सख्त तेवर दिखाए हैं। सीएम ने एक्शन लेते हुए परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव, परिवहन आयुक्त, कलेक्टर, एसपी, मुख्य नगर पालिका अधिकारी तथा आरटीओ समेत करीब दर्जन पर अधिकारियों को हटा दिया है। इनमें से कुछ अफसर को सस्पेंड कर दिया गया है तथा जांच रिपोर्ट आने के बाद कुछ को और निलंबित किया जाएगा। बस के चालक परिचालक के अलावा बस मालिक पर भी एफआईआर दर्ज की गई है। सीएम ने चार सदस्य जांच समिति बनाकर रिपोर्ट भी तालब की है। बस संचालन में बरती जा रही लापरवाही को बिंदुवार मंगाया गया है। सीएम ने गुरुवार को गुना पहुंचकर पीड़ितों से अस्पताल में मुलाकात की तथा उन्हें सरकार की ओर से मदद भी प्रदान की।

गौरतलब है कि 40 यात्रियों से भरी बस में डंपर से टकक्र के बाद लगी आग के बाद 13 यात्रियों की जलकर दर्दनाक मौत हो गई। इस मामले में लापरवाही और अनदेखियों के चलते 13 परिवारों में मातम पसर गया। बुधवार देर रात हुई इस दर्दनाक दुर्घटना की शुरुआती जांच में ही ये बात सामने आई है कि बस संचालकों द्वारा यहां लापरवाही बरती जा रही है, साथ ही सरकारी अफसरों द्वारा इस जानलेवा लापरवाही में अनदेखी बरती गई है। इस मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्पष्ट कहा था कि दोषी चाहे कोई भी हो किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।

बस का न तो फिटनेस था और ना ही बीमा

जानकारी के अनुसार कहा जाता है कि अब तक की गई जांच में लापरवाही और अनदेखी की पोल खुली है कि किस तरह बस संचालकों की लापरवाही और प्रशासनिक अनदेखी के चलते सड़कों पर बसें अवैध तरीके से दौड़ती जा रही है और कई जिंदगियां रौंदी जा रही हैं। लेकिन कोई भी जिम्मेदार इनपर एक्शन लेने वाला नहीं है। जांच में ये भी सामने आया कि जिस बस में आग लगी, उसका न तो फिटनेस सर्टिफिकेट था और ना ही उसका बीमा था। यहां तक कि बस का रजिस्ट्रेशन तक नहीं था। वहीं बस का परमिट भी एक्सपायर हो चुका था। लेकिन आरटीओ की ओर से ऐसी अवैध बसों के संचालन पर कोई कार्रवाई नहीं की।

राजोरा को परिवहन विभाग का अतिरिक्त प्रभार

बताया जाता है कि इस मामले में मध्य प्रदेश सरकार ने गुना कलेक्टर तरुण राठी, गुना पुलिस अधीक्षक विजय खत्री और परिवहन आयुक्त संजय झा को उनके पद से तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। इससे पहले सुबह मुख्‍यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर आरटीओ और सीएमओ को भी हटा दिया था। प्रमुख सचिव सुखबीर सिंह को भी परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव के अतिरिक्त दायित्व से मुक्त किया गया है। अपर मुख्य सचिव राजेश राजोरा को परिवहन विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। गुना जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रथम कौशिक को कलेक्टर का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।

ऐसी घटनाओं को लेकर मुस्तैद रहे, ताकि दोबारा न हों

सीएम द्वारा किए गए ट्वीट में कहा गया है कि'कलेक्टर और एसपी साहब से बात की थी। अभी मैं स्वयं जा रहा हूं। बहुत ही हृदय विदारक घटना है। हम कोशिश करेंगे कि ऐसे हादसे भविष्य में न हों। कल रात को ही मैंने जांच के आदेश दिए थे। जांच का विषय है कि बस का परमिट नहीं था तो, बस कैसे चल रही थी। हादसे की वजह यदि टर्निंग पॉइंट रहा, तो ऐसे डेंजर जोन के लिए हम क्या कर सकते हैं विचार करेंगे। दुख की इस घड़ी में मैं परिवार के साथ हूं। घायलों को लेकर हमारी संवेदना हैं। उम्मीद करते हैं कि प्रशासन ऐसी घटनाओं को लेकर मुस्तैद रहे, ताकि दोबारा न हों इसके प्रबंध किए जा सकें।'

अनियमित्ताएं बरतकर बस परिवहन कराने का केस

हादसे के बाद एक्शन में आई पुलिस ने दुर्घटना ग्रस्त डंपर चालक, बस मालिक और बस चालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। बता दें कि ये मामला बजरंगगढ़ थाना पुलिस द्वारा दर्ज किया गया है। थाना प्रभारी ने घटना की एफआईआर दर्ज कराई है। घटना में तीन लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिसमें बस के मालिक भानूप्रताप सिंह सिकरवार का नाम भी शामिल है। उनपर अनियमित्ताएं बरतकर बस परिवहन कराने का केस दर्ज किया गया है।पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के तहत बस का फिटनेस 17 फरवरी 2022 को खत्म हो चुका था। बस का परमिट भी खत्म हो चुका था। बावजूद इसके इतनी बड़ी घटना को नजरअंदाज करते हुए बस परिवहन किया जा रहा था।