Rafique Khan
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से एक ऐसी दिल दहला देने वाली खबर सामने आ रही है, जिसने चिकित्सकीय पेशे को भी कलंकित कर दिया है। एक डॉक्टर के यहां पहुंचे बुजुर्ग को यह उम्मीद नहीं थी कि वह जहां अपनी तकलीफ से निजात पाने के लिए दवा लेने आया है, वहां उसे इलाज के बजाय मौत का इंजेक्शन दे दिया जाएगा। बीएएमएस डॉक्टर ने बुजुर्ग को ऐसा इंजेक्शन दिया कि वह हमेशा के लिए मौत की नींद सो गया। बात यहीं तक खत्म नहीं हुई, डॉक्टर ने अपने भाई व स्टाफ के साथ मिलकर बुजुर्ग के शव को कर में लादा और करीब ढाई सौ किलोमीटर दूर जबलपुर के बरगी बांध से लगी नहर में लाकर फेंक दिया। पुलिस ने गुमशुदी की जांच पड़ताल के बाद इस मामले का खुलासा किया और आरोपियों को दबोच लिया है।
घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार बताया जाता है कि घटना अमरवाड़ा में 2-3 दिसंबर की दरमियानी रात की है। बुजुर्ग मरीज का शव 4 दिसंबर को जबलपुर में गोकलपुर नहर में मिला था। परिजन की शिकायत पर पुलिस ने जांच की, तब डॉक्टर की करतूत सामने आई। पुलिस ने डॉक्टर, उसके भाई और स्टाफ को गिरफ्तार कर लिया है। अमरवाड़ा थाना प्रभारी राजेंद्र धुर्वे ने बताया कि आरोपी दीपक श्रीवास्तव BAMS (आयुर्वेदिक) डॉक्टर है। वह एलोपैथिक इलाज दे रहा था। लहगडुआ के रहने वाले पुसु राठौर (60) को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। वे 2 दिसंबर की दोपहर अमरवाड़ा के वार्ड 6 में डॉ. दीपक श्रीवास्तव के क्लीनिक गए थे। यहां डॉक्टर ने उन्हें सेलाइन और इंजेक्शन लगाया।
इंजेक्शन लगते ही घबराने लगे
बताया जाता है कि इंजेक्शन लगते ही पुसु राठौर घबराने लगे। डॉक्टर ने उन्हें क्लीनिक के पीछे वाले कमरे में ले जाकर ड्रेसिंग टेबल पर लिटा दिया। इसके कुछ देर बाद बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया। पुसु राठौर घर से बताकर निकले थे कि वे क्लीनिक जा रहे हैं। वापस नहीं लौटे तो परिजन ने क्लीनिक जाकर देखा। फिर थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस 3 दिसंबर को मतगणना में व्यस्त रही। इधर, परिवार लगातार पुसु की तलाश करता रहा। 4 दिसंबर को सूचना मिली कि नहर में शव मिला है।
कार में पिछली सीट पर डेड बॉडी रखकर बरगी लाए
पुलिस पूछताछ में पता चला कि डॉ. दीपक श्रीवास्तव ने भाई देवेंद्र श्रीवास्तव, स्टाफ के प्रदीप डहेरिया और कपिल मालवी की मदद से शव को ठिकाने लगाया। आरोपी कार (एमपी 09 सीई 5659) में पिछली सीट पर डेड बॉडी रखकर बरगी के पास निगरी से गोकलपुर जाने वाली नहर में फेंक आए.पुसु राठौर घर से बताकर निकले थे कि वे क्लीनिक जा रहे हैं। वापस नहीं लौटे तो परिजन ने क्लीनिक जाकर देखा, फिर थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। पूछताछ में डॉक्टर और स्टाफ ने बुजुर्ग को गलत इंजेक्शन लगाने के बाद शव नहर में फेंकना कबूल कर लिया।
पुलिस ने इनको किया गिरफ्तार
डॉ. दीपक कुमार श्रीवास्तव (64), निवासी मरकावाड़ा गांव
देवेंद्र कुमार श्रीवास्तव (55), निवासी मरकावाड़ा गांव (डॉक्टर का भाई)
कपिल मालवी (35), निवासी अमरवाड़ा (क्लीनिक का स्टाफ)
प्रदीप डहेरिया (29), निवासी बिनेकी गांव (क्लीनिक का स्टाफ)
मामले के खुलासे में अमरवाड़ा टीआई राजेंद्र धुर्वे की मुख्य भूमिका रही है। टीम में एसआई दीपा ठाकुर, एएसआई सुभाष तिवारी, करतार सिंह बघेल, राघवेंद्र उपाध्याय, प्रधान आरक्षक रामगनेश तिवारी, जयसिंह, आरक्षक राजेंद्र, मनीष, अमृत तथा महेश शामिल थे।