विवेक तन्खा ने अजमेर शरीफ भेजी चादर, कहा- राम मंदिर जरूर जाऊंगा पर सरकारी कार्यक्रम में नहीं - khabarupdateindia

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विवेक तन्खा ने अजमेर शरीफ भेजी चादर, कहा- राम मंदिर जरूर जाऊंगा पर सरकारी कार्यक्रम में नहीं




Rafique Khan

सर्व धर्म सद्भाव के पैरोकार, अपनी पहुंच और संबंध - संपर्कों के जरिए समाज के अंतिम पंक्ति में बैठे लोगों की हर संभव मदद करने के जुनूनी, अमन मोहब्बत और भाईचारे के मुहाफिज मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विवेक कृष्ण तन्खा ने हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती गरीब नवाज र.अ. के दरबार अजमेर शरीफ में चादर पेश करने के लिए रवाना की। वही मीडिया से अनौपचारिक चर्चा के दौरान दिग्गज कांग्रेसी नेता तन्खा ने कहा कि वे भगवान राम के भक्त हैं और निश्चित रूप से अयोध्या जाएंगे। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 22 और 23 जनवरी को होने वाले सरकारी कार्यक्रम में शिरकत नहीं करेंगे। उनका कहना है कि उन्हें बुलावा है, हनुमान गढ़ी के संत जी का फोन भी आया था, आमंत्रित भी किया है, आमंत्रण पत्र भी मेरे पास आने वाला है पर वे अपने अनुकूल समय अनुसार राम मंदिर पहुंचने का कार्यक्रम तय करेंगे।




गौरतलब है कि विवेक तंखा पिछले कई वर्षों से गरीब नवाज के दरबार में चादर भेजते चले आ रहे हैं। राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा जी ने अजमेर उर्स के मौके पर सोमवार को हर साल की तरह इस वर्ष भी पूर्व पार्षद एवं शिक्षा सेवी सैय्यद ताहिर अली के माध्यम से अजमेर शरीफ के लिये चादर रवाना की। तन्खा निवास पर हुये कार्यक्रम में श्री तन्खा ने कहा जबलपुर प्रदेश और देश की खुशहाल और समृद्धि की दुआ के साथ उन्होंने यह चादर अजमेर पहुंचाई है। उन्होंने कहा उनका परिवार कई पीढ़ियों से दरगाह अजमेर शरीफ से अकीदत रखता है। उन्होंने बताया उनके ससुर स्वर्गीय कर्नल अजय नारायण मुसरान की कई मुरादें अजमेर शरीफ से पूरी हुई थीं। वे जल्द ही सपरिवार अजमेर पहुंचकर ज्यारत करेंगे। ताहिर अली के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल सोमवार को ही दयोदय एक्सप्रेस से अजमेर के लिये रवाना हो गया। जहां उर्स के दौरान हाजरी और चादर पेश की जाएगी।कार्यक्रम के दौरान हाजी कदीर सोनी, मोलाना अकबर मिस्बाही, कैशर रजा, गुलाम हुसैन, अमरीश मिश्रा, सौरभ शर्मा, राजू लईक, दिलशाद अहमद, शकील अंसारी, असरफ मंसूरी , आबिद मंसूरी ,अकबर खान, रियाज अंसारी, मो साबिर, मिर्जा राशिद, अहफाज अंसारी, मजहर उस्मानी, शेख फारूक, आशिफ इकबाल, तौफीक चंकी, रिजवान कोटि,शाहनवाज मोहम्मद अल्तमश,गुड्डू राईन,ताहिर खान,अमजद सदर, फिज्जू, रऊफ मामू, नीरज पटेल, मंगन चाचा,मकसूद भाई, अबरार अहमद, अजहर उस्मानी, मजीद खान, असद खान, रजा सिद्दीकी, आदिल अंसारी, जावेद अख्तर, मुबीन खान, इफ्तिखार अहमद, सज्जाद अली, आदिल खान उपस्थित थे।

राम मंदिर शंकराचार्य की देन और अब चारों है नाराज

चर्चा के दौरान विवेक तन्खा ने आगे कहा कि 22 और 23 जनवरी को सरकारी कार्यक्रम है1 जिसमें प्रधानमंत्री और कई राज्य के मुख्यमंत्री शामिल होंगे, उस दौरान वहां भारी भीड़ होगी, इस वजह से वहां जाना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में सामान्य व्यक्ति भगवान राम के दर्शन करने जाने लगेंगे, उस समय मैं अयोध्या जाऊंगा। विवेक तन्खा ने कहा कि स्वामी शंकराचार्य ने जब इस केस को कोर्ट में फाइल किया था, उस दौरान सुप्रीम कोर्ट में उनकी तरफ से मैंने पैरवी की थी। इसलिए मैं यह समझता हूं कि अगर आज राम मंदिर बन रहा है तो वह स्वामी शंकराचार्य जी की ही देन हैं। कांग्रेस पर हमेशा सनातन विरोधी होने का आरोप लगाने वाली भारतीय जनता पार्टी को भी करारा जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अगर वे हिंदू ना होते, सनातनी ना होते तो फिर भगवान राम से जुड़े केस की पैरवी करने सुप्रीम कोर्ट क्यों जाते? यह सब राजनीतिक प्रोपेगेंडा है, जिनके तहत अनावश्यक और आरोप लगाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि आज भाजपा के लिए यह सोचने का विषय जरूर है कि जिस समय राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है उसको लेकर देश के चारों ही शंकराचार्य नाराज हैं और वह इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो रहे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि अगर चारों ही शंकराचार्य जी की मौजूदगी में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम होता तो न सिर्फ जनता में अच्छा संदेश जाता बल्कि सभी साधु संत भी खुश रहते।