Rafique Khan
मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में स्थित घमापुर थाने में उस समय गहमा-गहमी का माहौल निर्मित हो गया, जब एक मां अपनी तीन वर्षीय मासूम बेटी को गोद में लेकर जा पहुंची और उसने कहा कि इसके साथ दुष्कर्म की कोशिश हुई है। पुलिस ने बजाए मुकदमा कायम करने के उसे बदनामी का डर बताते हुए टालने की कोशिश की। जिसके चलते थाने में हंगामा की स्थिति निर्मित हो गई। पीड़ित परिवार के पड़ोस में रहने वाले लोग बड़ी संख्या में थाने जा पहुंचे और खबर पाकर पूर्व विधानसभा क्षेत्र के विधायक लखन घनघोरिया भी आ गए। विधायक की मदद के बाद अपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया। मामले में पुलिस की कार्यशैली को आपत्तिजनक मानते हुए एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने घमापुर थाना प्रभारी प्रमोद साहू को लाइन हाजिर कर दिया है।
जानकारी के अनुसार कहा जाता है कि देर रात तक पीड़ित परिवार की सुनवाई न होने पर इस मामले ने तूल पकड़ लिया। घमापुर थाने में देर तक हंगामा चलता रहा। आरोपी युवक पीड़ित बच्ची के घर के पास में ही रहता है। बच्ची को चिप्स दिलाने के बहाने आरोपी उसे अपने घर ले गया था और वारदात को अंजाम दिया। आरोपी की जानकारी देते हुए बताया कि उसकी उम्र करीब 30 साल है1 घटना की जानकारी होने पर बच्ची के परिजन उसे लेकर थाने पहुंचे। जहां पुलिस ने परिजनों से कहा कि इस मामले की FIR लिखाने से आपके परिवार और आपकी बेटी की बदनामी हो जाएगी।इसके साथ ही यहां पुलिस का असंवेदनशील चेहरा भी लोगों के सामने आया। पुलिस ने बच्ची की मां को सलाह देते हुए कहा कि वहं अपनी बेटी के साथ छेड़छाड़ जैसे छोटे मामले की रिपोर्ट दर्ज करा ले. पुलिस वालों ने उसकी मां से यह भी कहा कि बच्ची का मामला है। रेप के केस से उसकी बदनामी हो जाएगी, इसलिए वह हाथ पकड़ने की रिपोर्ट लिखा दे। परिजनों का आरोप है कि वे घटना के बाद शाम को रिपोर्ट लिखाने के लिए थाने गए थे।