Dakaiti: लेडी डॉक्टर के घर से 50 लाख कैश और जेवरात की डकैती, नौकर दंपत्ति और एक नाबालिक से मारपीट भी की - khabarupdateindia

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Dakaiti: लेडी डॉक्टर के घर से 50 लाख कैश और जेवरात की डकैती, नौकर दंपत्ति और एक नाबालिक से मारपीट भी की


रफीक खान
राजधानी भोपाल के चुना भट्टी थाना अंतर्गत शाहपुरा बी सेक्टर निवासी गांधी मेडिकल कॉलेज की न्यूरोलॉजिस्ट लेडी डॉक्टर अंशुल सिंह के घर में घुसकर बदमाशों ने 50 लाख रुपए कैश तथा जेवरात व अन्य सामान लूट लिया। डकैती की इस वारदात के दौरान लेडी डॉक्टर के घर पर मौजूद एक नौकर दंपति तथा एक अन्य नाबालिक नौकर के साथ मारपीट भी की गई। पुलिस ने निशानदेही व संदेह के आधार पर लेडी डॉक्टर के यहां काम करने वाले एक अन्य नौकर ड्राईवर को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पूरा मामला सामने आ गया। पुलिस ने हिरासत में लिए गए आरोपी से अब तक 49 लाख रुपए नगद बरामद भी कर लिए हैं। इसके अलावा लूटा गया अन्य माल भी बरामद करने की कोशिश चल रही है।

घटना के संबंध में पुलिस कमिश्नर हरि नारायणचार्य मिश्रा के अनुसार केस में घर का नौकर (ड्राइवर) लक्ष्मण ही मास्टरमाइंड निकला। तकरीबन एक करोड़ की इस डकैती के केस में पुलिस ने ड्राइवर और उसके चचेरे नाबालिग भाई समेत पांच आरोपियों को हिरासत में ले लिया है। डॉक्टर अंशुल सिंह वारदात के समय डॉक्टर अपने परिवार के लोगों के साथ घर से बाहर गई थीं, उस समय तकरीबन आधा दर्जन बदमाशों ने घर में घुस कर इस वारदात को अंजाम दिया। इस दौरान घर में मौजूद नौकर दंपति और एक अन्य नाबालिग नौकर से मारपीट कर डकैत लगभग 50 लाख का कैश और जेवर ले उड़े। वे अपने साथ घर में रखे एटीएम कार्ड भी ले गए थे। मुख्य आरोपी लक्ष्मण इसी परिवार के होशंगाबाद रोड स्थित फॉर्म हाउस पर रहता था, जबकि उसका चचेरा नाबालिग भाई डॉक्टर के घर में अन्य नौकरों के साथ रहता था। वारदात के लिए लक्ष्मण का साथ देते हुए नाबालिग नौकर ने साजिश के मुताबिक डकैतों के आने पर घर का दरवाजा खोला और पुलिस को शक न हो इसके लिए आरोपी नाबालिग ने खुद पर भी हमला करवाया। राजधानी में हुई सनसनीखेज वारदात के बाद जब पुलिस ने सभी पहलूओं की बारीकी से जांच शुरू की तो नाबालिग नौकर पर ही पुलिस को संदेह हुआ। उससे पूछताछ के दौरान सामने आया कि ये वारदात उसके भाई के दिमाग की उपज है और इसके लिए उसने मंडीदीप (रायसेन) की एक आपराधिक गैंग की मदद ली गई है। पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र के मुताबिक पुलिस की तफ्तीश में सामने आया कि नाबालिग डॉक्टर के घर में रहकर काम के बहाने रैकी कर रहा था। उसे घर में रखी गई रकम से लेकर जेवरों तक की जानकारी थी। दोनों भाई पिछले 6 महीनों से मंडीदीप के एक अपराधी गिरोह से संपर्क में थे।