रफीक खान
मध्य प्रदेश के विंध्याचल क्षेत्र रीवा जिले के अंतर्गत आने वाले मनगवां थाना इलाके में दो महिलाओं को जिंदा गाड़ने की कोशिश की गई है। यह मामला जैसे ही चर्चाओं में आया, पूरे प्रदेश में हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई। न सिर्फ रीवा के संभागीय मुख्यालय बल्कि राजधानी भोपाल में पीएचक्यू तक के अफसर सकते में आ गए। दुस्साहस की पराकाष्ठा वाले इस घटनाक्रम ने दबंगई का नया प्रदर्शन किया है। पारिवारिक विवाद के चलते दो महिलाओं के ऊपर हाईवा से मुरम पलटाकर उन्हें जिंदा दफन करने की कोशिश की गई। पुलिस ने प्रथमदृष्टया आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के मुताबिक बताया जाता है कि घटना रीवा जिले के मनगवां थाना क्षेत्र के गगेव चौकी अंतर्गत हिनौता जोरौट गांव की है। महिलाएं निजी जमीन पर जबरन सड़क निर्माण का विरोध कर रही थीं। घटना से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। कांग्रेस नेता ने भी इसे शेयर कर सवाल उठाए हैं। निजी जमीन पर सड़क बनाने की कोशिश की जा रही थी। इसी बात का आशा पाण्डेय और ममता पाण्डेय सहित अन्य महिलाएं विरोध कर रहे थीं। पुलिस को दिए बयान में फरियादी आशा पांडेय पति सुरेश पाण्डेय (25 वर्ष) ने बताया कि उनका ससुर गौकरण पांडेय से साझे की जमीन को लेकर रास्ता निकलने को लेकर विवाद है। शनिवार दोपहर करीब 2 बजे गौकरण पांडेय और देवर विपिन पांडेय विवादित जमीन पर सड़क बनवाने के लिए हाइवा से मुरुम लेकर आए। जहां आशा पांडेय अपनी देवरानी ममता पांडेय के साथ जाकर हाइवा क्रमांक एमपी 17 एचएच-3942 के चालक को मुरुम गिराने से मना करने लगीं। हाइवा चालक ने दोनों की बात नहीं सुनीं तो वे डंपर के पीछे मुरम गिरने के स्थान पर बैठने लगीं, इसी बीच अचानक हाइवा चालक ने तेजी से मुरम गिरा दी। दोनों मुरम में दबने लगीं, तभी मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने उन्हें बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया। रीवा पुलिस के अनुसार सड़क निर्माण का महिलाएं विरोध कर रही थीं। उसी दौरान मुरम में दब गईं। थाने में शिकायत दर्ज की गई है। इस पूरे मामले की पुलिस जांच कर रही है। साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। इस प्रकरण में पुलिस ने डंपर को जब्त कर लिया है। आरोपी विपिन पांडेय को पुलिस ने हिरासत में लिया है, वहीं दो अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। महिलाओं का भी अस्पताल में उपचार कराया जा रहा है। मामले में कांग्रेस हमलावर हो गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि रीवा ज़िले की इस घटना ने एक बार फिर भाजपा शासन की महिला सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाए हैं! वैसे भी मध्य प्रदेश महिलाओं पर अत्याचार में पहले नंबर पर है! सीएम मोहन यादवजी, रीवा के मनगवां की इन बहनों को मुरम में दबाया गया और उनकी जान लेने की कोशिश की गई! क्या आपकी सरकार से यह बहनें उम्मीद रख सकती हैं कि इस घटना की निष्पक्ष एवं त्वरित जांच होगी और उन्हें प्राथमिकता से न्याय मिलेगा? खैर आपकी सरकार महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों को रोकने में बार-बार असफल हो रही है! कांग्रेस नेता अरुण यादव ने भी बयान जारी किया है। मीडिया रिपोर्ट्स में पुलिस के अनेक अफसर के बयान आए हैं लेकिन सभी का फोकस दबंगई पर न होकर इस बात पर है कि यह मामला पारिवारिक है और किसी दलित समुदाय से ताल्लुक नहीं रखता।