रफीक खान
मध्य प्रदेश के दमोह जिले में पथरिया ब्लॉक अंतर्गत स्थित शासकीय सरदार पटेल इंग्लिश मीडियम मिडिल स्कूल में एक ऐसा चौकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें दो हिंदू बच्चियों को ईसाई बना दिया गया है। शाला प्रमुख द्वारा जारी किए गए स्थानांतरण प्रमाण पत्र में साफ तौर से धर्म के कॉलम में क्रिश्चियन लिखा हुआ है। महत्वपूर्ण बात यह है कि ट्रांसफर सर्टिफिकेट में विकासखंड शिक्षा अधिकारी पथरिया तथा जिला शिक्षा अधिकारी दमोह के हस्ताक्षर व सील भी लगी हुई है। इस तरह की घटना के बाद बवाल मचना लाजमी है। मामले की शिकायत मध्य प्रदेश बाल संरक्षण अधिकार आयोग को की गई। आयोग द्वारा कलेक्टर दमोह को पत्र प्रेषित कर इस संबंध में पूरा ब्यौरा तलब किया है तथा जिम्मेदारों पर कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए हैं।
कहा जाता है कि पथरिया ब्लाॅक में संचालित गुड शेफर्ड इंग्लिश मीडियम स्कूल एक बार फिर आरोपों के घेरे में है। आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने यहां पढ़ने वाली दो छात्राओं के टीसी (स्थानांतरण प्रमाण पत्र) पर हिंदू धर्म की जगह है क्रिश्चियन धर्म लिख दिया है। अब छात्राओं को नए स्कूल में प्रवेश लेने में समस्या आ रही है। अभिभावक ने मामले की लिखित शिकायत राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के समक्ष दर्ज कराई है। मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष द्रविंद्र मोरे ने कलेक्टर को पत्र जारी किया है। उसके अनुसार उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में रहने वाले रवि शंकर ने आयोग के समक्ष ये शिकायत दर्ज कराई है कि गुड शेफर्ड स्कूल ने मेरी बेटी सृष्टि और रिया के स्थानांतरण प्रमाण-पत्र में धर्म हिन्दू के स्थान पर क्रिश्चियन लिख दिया गया है, जबकि उनका परिवार सनातनी हिन्दू है और उनके द्वारा अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र भी दर्शाया गया है।आयोग ने इस बात की संभावना जताई है कि स्कूल ने बच्चियों के दस्तावेज में क्रिश्चियन धर्म षडयंत्र पूर्वक दर्ज किया है। स्थानांतरण प्रमाण-पत्र में किश्चियन धर्म अंकित किए जाने से उनके मूल दस्तावेज, जिसमें अनुसूचित जाति का होना अंकित है। उसके कारण अन्य स्कूल में एडमिशन बाधित हो रहा है। इसी तरह के आरोप के चलते 17 फरवरी और 15 मार्च को संबंधित स्कूल का आयोग और विभागीय टीम ने निरीक्षण किया था। इस दौरान स्कूल प्रबंधन और शैक्षणिक अमला भी मौके पर उपस्थित नहीं हुआ था। जांच में धर्मांतरण के आरोपों से जुड़े कई तथ्य भी सामने आए थे, जिस पर निरीक्षण प्रतिवेदन के आधार पर आयोग ने पत्र जारी कर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। ऐसे में अभी एक नई शिकायत और आरोप सामने आने के बाद एक बार फिर जिला प्रशासन को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।