रफीक खान
यूपीएससी Union Public Commission के कंपटीशन में सिलेक्ट होने और ट्रेनिंग के बाद पोस्टिंग में आते ही एक महिला आईएएस lady IAS officer देशभर में सुर्खी बन गई है। महिला आईएएस अधिकारी अपने किसी कृतार्थ से नहीं बल्कि नखरेबाजी और उतावलेपन के चलते चर्चा का विषय बनी हुई है। नई नवेली इस आईएएस अधिकारी की हाल ही में वायरल हुई व्हाट्सएप चैटिंग Whatsapp Chatting ने उसकी सोच को पूरी तरह से उजागर कर दिया है। IAS officer की यह कार्यशैली राज्य सरकार के लिए भी चिंता का विषय बन गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कहा जाता है कि यूपीएससी में पूजा खेडकर को 841 वीं रैंक आयी थी। जिसके बाद उनकी असिस्टेंट कलेक्टर के पद पर नियुक्ति हुई थी। ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर बंगला और गाड़ी की मांग के बाद पूजा खेडकर अब व्हाट्सएप चैट को लेकर विवादों में हैं। पूजा खेडकर की जो चैट अब सामने आई है, उसमें वह पुणे कलेक्टर ऑफिस के कर्मचारियों से अपने आने से पहले खुद के लिए घर, दफ्तर में बैठने की जगह और गाड़ी से संबंधित तमाम जानकारी मांग रही हैं। महाराष्ट्र राज्य की पुणे जिला कलेक्टर ऑफिस की तरफ से इस मामले की प्रारंभिक जांच के दौरान ऐसे तीन स्क्रीनशॉर्ट को पेश किया गया है। इन्हीं में से एक मैसेज में पूजा खेडकर खुद का परिचय एक अधिकारी के तौर पर देते भी दिख रही हैं। व्हाट्सएप चैटिंग में पूजा खेड़कर द्वारा किए गए संवाद में वह पुणे के कलेक्टर दफ्तर के कर्मचारी को कहती है कि "हेलो, मैं डॉ. पूजा खेडकर IAS हूं। मैं असिस्टेंट कलेक्टर के पद पर हूं। मुझे दिवासे सर ने आपका नंबर दिया है। मैं तीन जून से ज्वाइन करने वाली हूं। मेरे नाम से कुछ कागजात भेजे गए हैं, जिनका मैं पता नहीं लगा पा रही हूं। मुझे बताना क्या किया जा सकता है। इसके जवाब में कलेक्टर ऑफिस के कर्मचारी ने रिप्लाई किया कि ओके, हम सोमवार को इसे देखते हैं।" इसके बाद पूजा खेडकर अपने दफ्तर और सरकारी गाड़ी के बारे में जानकारी मांगती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुणे के कलेक्टर सुहास दिवासे ने यह मामला सामने आने के बाद राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिख कर विस्तृत शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद पूजा खेडकर का पुणे से वाशिम तबादला कर दिया गया। मुख्य सचिव ने आदेश में कहा कि 2023 बैच की आईएएस अधिकारी अपनी परिवीक्षा की शेष अवधि वाशिम जिले में सुपर न्यूमरेरी असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में पूरी करेंगी। पूजा के पिता सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी हैं, उन्होंने भी उनकी मांगें पूरी करने के लिए जिला कलेक्टर कार्यालय पर काफी दबाव डाला था। कलेक्टर पुणे ने मुख्य सचिव को भेजे पत्र में इसका भी उल्लेख किया था।