रफीक खान
मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां हॉस्टल की वार्डन ने स्कूली बच्चों को पूरी तरह से पीट-पीट कर उसका हाथ तोड़ डाला। पीटने की वजह भी कोई ऐसी बड़ी या गंभीर नहीं थी बल्कि यह थी कि बच्चा देर रात तक पढ़ाई करके अपनी परीक्षा की तैयारी और भविष्य को उज्जवल करने की कोशिश कर रहा था। बच्चे का रात को जागकर पढ़ाई करना हॉस्टल वार्डन को इतना नगवार गुजरा कि Stat इस घटना को अंजाम दे दिया। रीवा निवासी इस बच्चे के हाथ टूटने की घटना के बाद जबलपुर से लेकर रीवा तक शिक्षा के क्षेत्र में एक नई बहस छिड़ गई है। रीवा निवासी परिवार जबलपुर आ गया है तथा पुलिस में शिकायत करवा रहा है। DPS warden beats student and breaks his hand, angry over studying till late night
मिली जानकारी के अनुसार बताया जाता है कि मामला मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित गौर के दिल्ली पब्लिक स्कूल के छात्रावास का है। अभिभावक ने कहा कि पिटाई की वजह से छात्र को सुनने में परेशानी आ रही है। अभिभावक ने इस मामले में प्रबंधन से शिकायत की लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। जिसके बाद पुलिस में शिकायत दी गई है। 23 सितंबर को रात करीब 11.30 बजे को छात्र शिवांश के साथ मारपीट हुई। रीवा के थाना सिटी कोतवाली निवासी शरद कुमार साहू उम्र 54 वर्ष निवासी साहू ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत में आरोप लगाया कि उनके बेटे शिवांश ने फोन पर वार्डन मुकेश शर्मा के पीटने की जानकारी दी। इस बात की जानकारी लगने पर अभिभावक रीवा से जबलपुर आए और पुलिस से वार्डन की शिकायत की। मंगलवार को बच्चों को फोन पर घर बात करवाई जाती है। जब छात्र की बात हुई तो उसने रोते हुए सारी जानकारी दी। शिकायत में शिवांश ने बताया कि 23 सितंबर की रात 11.30 बजे देर रात पढाई करने के बाद जाग रहा था, तभी छात्रावास के वार्डन मुकेश शर्मा बोले कि तुम रात तक क्यों जाग रहे हो जिनसे कहा कि मै पढ़ाई कर रहा था तो वह कहने लगे कि तुम मस्ती करते हो, गाली देते हुए कहा कि रैगिंग के केस मे फंसवा दूंगा। तब शिवांश ने वार्डन मुकेश शर्मा से माफी भी मांगी लेकिन वो नहीं माने और उसके साथ झापड़ से कान, गाल, पीठ में मारा और हाथ मोड़ दिया। पीड़ित छात्र ने अभिभावक को बताया कि उसके साथ बुरी तरह से मारपीट की गई है तथा सार्वजनिक रूप से भी उठक बैठक लगाकर 100 बार दंडित किया गया है। इस पूरे मामले के बाद में दिल्ली पब्लिक स्कूल की व्यवस्थाओं और वहां की कार्य व्यवस्था पर सवालिया निशान लग गए हैं।