रफीक खान
मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में महू तहसील अंतर्गत एक मंदिर निर्माण की जमीन पर नपती तथा उससे उपजे विवाद के बीच वहां पुलिस पहुंची और सीधे भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष को उठा ले गई। इसके बाद बवाल मच गया। भारतीय जनता पार्टी के नेता व कार्यकर्ता एकत्रित होकर थाने जा पहुंचे और पहले तो उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष को छुड़ाया उसके बाद में पुलिस अधीक्षक से बात की और पुलिस अधीक्षक को पूरे मामले की शिकायत की। इसके बाद पुलिस अधीक्षक ने दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया तथा तीन को लाइन हाजिर करने के आदेश जारी किए। घटना के जांच के आदेश भी दिए गए हैं। Police picked up BJP Mandal President, rescued him from the police station, two suspended and three attached on lines
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि महू तहसील के गांव कोदरिया में एक मंदिर निर्माण में जमीन नपती के विवाद को लेकर महू थाने के पांच पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। यहां उन्होंने भाजपा के मंडल अध्यक्ष से ही भिड़ना शुरू कर दिया, जबकि मंडल अध्यक्ष के कहने पर ही नायब तहसीलदार ने पुलिस को विवाद स्थल पर बुलवाया था। यहां पहुंचकर उल्टा पुलिस ने भाजपा मंडल अध्यक्ष से ही हुज्जत करना शुरू कर दी और गिरेबान पर भी हाथ डाला, फिर मंडल अध्यक्ष को पुलिस वाहन में बैठाकर महू थाने भी ले आई। महू थाने के अंतर्गत आने वाले ग्राम कोदरिया की अयोध्यापुरी कॉलोनी में एक खाली पड़े प्लॉट पर सालों पहले दरगाह बनी हुई थी। काफी समय पहले यहां बनी दरगाह को तोड़ दिया गया था और अब यहां मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। ग्रामीणों के अनुसार उक्त प्लॉट पर भाजपा के मंडल अध्यक्ष मनोज पाटीदार का कब्जा है। प्लॉट पर बन रहे मंदिर निर्माण की अनुमति भी मंडल अध्यक्ष ने ही गांव के युवाओं को दी थी, मगर निर्माणकर्ता युवा यहां पर मंदिर के साथ-साथ कुछ कमरों का निर्माण भी कर रहे थे। जिस पर मंडल अध्यक्ष मनोज पाटीदार ने आपत्ति ली और मौके पर नायब तहसीलदार राधावल्लभ धाकड़ को भी जमीन नपती के लिए बुला लिया। विवाद की स्थिति बनी तो मंडल अध्यक्ष के कहने पर ही नायब तहसीलदार ने महू थाने से पुलिसकर्मियों का बल मंगाया। जब पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे तो मंडल अध्यक्ष ने उनसे कहा कि जब कोई मर जाएगा, तब आओगे क्या… इतनी लेट क्यों आए हो। इस पर पुलिसकर्मियों ने भी जवाब देते हुए मंडल अध्यक्ष से कहा कि यह राजस्व का काम है। यहीं से पुलिस और मंडल अध्यक्ष के बीच में विवाद बढ़ गया और फिर बात कॉलर पकाने तक पहुंच गई इसके बाद थाने ले जाने के बाद तो मामला और गरमा गया। पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेता व कार्यकर्ता शांत हुए।