रफीक खान
मध्य प्रदेश के इंदौर में स्थित सरकारी स्कूल में छात्राओं को निर्वस्त्र कर चेकिंग करने के मामले में हाईकोर्ट ने एक्शन लिया है। मध्य प्रदेश के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत की बेंच ने इंदौर पुलिस कमिश्नर को तलब कर उन्हें विस्तृत जवाब देने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है। हाई कोर्ट इंदौर पुलिस कमिश्नर से यह भी जानना चाहेगा कि हाई कोर्ट के आदेश के परिपालन में क्या कार्रवाई की गई? 30 अगस्त 2024 को किए गए हाई कोर्ट के आदेश का अनुपालन न करने पर अवमानना की कार्रवाई क्यों ना शुरू कर दी जाए? Girl students stripped naked in government school, HC summons Indore Police Commissioner
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि मामला 2 अगस्त 2024 का है। इंदौर के सरकारी स्कूल में टेस्ट (लोकल एग्जाम) के दौरान एक छात्रा के पास मोबाइल की घंटी बजी थी। शंका होने पर टीचर ने उसे क्लास से बाहर बुलाया। चेकिंग में उसके पास की-पैड वाला मोबाइल पाया गया। इसके बाद 7 अन्य छात्राओं की भी चेकिंग की गई। आरोप है कि सभी छात्राओं को बाहर बने बाथरूम के अंदर ले जाकर उनके कपड़े उतरवाकर तलाशी ली गई। छात्राओं ने घर जाकर पूरी घटना बताई। जिसके बाद स्कूल पहुंचे पेरेंट्स ने जमकर हंगामा किया। पेरेंट्स कहना था कि स्कूल के अंदर इस तरह की चेकिंग करना गलत है। बच्चों के पास अगर मोबाइल मिले थे तो शिकायत पेरेंट्स से करनी चाहिए थी, न कि कपड़े उतरवाकर हर बच्चे की चेकिंग करना था। इसके बाद पेरेंट्स ने मल्हारगंज थाने में पूरे मामले में जांच के लिए एक आवेदन थाना प्रभारी को सौंपा था। स्कूल में छात्राओं को निर्वस्त्र कर चेकिंग के मामले में जनहित याचिका हाईकोर्ट में लगाई गई थी। आरोपी टीचर जया पवार जमानत के लिए हाईकोर्ट गई थी। जहां कोर्ट ने जमानत खारिज कर दी और 30 अगस्त 2024 को पुलिस कमिश्नर को कहा था कि वे बताए कि मामले में पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध बन रहा है या नहीं? लेकिन, उसमें कोई कार्यवाही नहीं हुई। जनहित याचिका में पैरवी करने वाले अधिवक्ता अभिनव धनोतकर ने बताया कि मामले में हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस एसए धर्माधिकारी की बेंच में सुनवाई हुई। जिसमें हमने कोर्ट को बताया कि कोई कार्यवाही नहीं हुई है। कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर इंदौर को शोकॉज नोटिस देकर निर्देशित किया है कि एक सप्ताह में शपथ पत्र देकर बताए कि क्या कार्यवाही की गई है? 25 नवंबर को होने वाली अगली सुनवाई पर कोर्ट में उपस्थित होने के लिए भी कहा है।