रफीक खान
मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले यानी कि मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें गुंडे बदमाशों के साथ पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी के एक नेता का भी जुलूस निकाल दिया। ढोल ताशों के बीच निकाले गए जुलूस में नेताजी से भी उठक बैठक लगवाई गई और फिर इस मामले ने इतना तूल पकड़ा कि सब इंस्पेक्टर सहित तीन पुलिस वालों को तत्काल लाइन अटैच करना पड़ा। पुलिस वालों पर कार्रवाई तो वरिष्ठ अधिकारियों ने कर दी लेकिन वह भारतीय जनता पार्टी के नेता को साफ-पाक बताने के लिए तैयार नहीं है। जबकि भाजपा नेता का कहना है कि उसे घर से उठाकर गुंडे बदमाशों की जुलूस में शामिल किया गया। Netaji's procession was also taken out along with goons, sit-ups were organized, 3 lines including SI attached
इस संबंध मिली जानकारी के अनुसार कहा जाता है कि चाकूबाजी की वारदात में शामिल करीब 14 बदमाशों का जुलूस निकाला था। इस जुलूस में तीन लोग ढोल बजाते हुए चल रहे थे और पीछे-पीछे आरोपी भी कान पकड़कर चल रहे थे। इस जुलूस में एसआई बबलेश कुमार, प्रधान आरक्षक तरुण पाल और आत्माराम परमार ने भाजपा के बूथ अध्यक्ष विकास करपरिया को भी शामिल कर लिया। इस तरह से बेइज्जत होने पर झल्लाए विकास करपरिया ने भाजपा विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, भाजपा नगर अध्यक्ष विवेक जोशी, उपाध्यक्ष जगदीश पांचाल से शिकायत की। विकास करपरिया ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि मैं तो पेरेंट्स मीटिंग में गया था। कोतवाली से फोन आया और घंटेभर बाद जब में कोतवाली थाने पहुंचा तो मुझे कोट मोहल्ला बुलाया गया। यहां मेरा मोबाइल छीन लिया और मार के डर से मैं लाइन में लग गया। पुलिस ने गुंडों के साथ मुझे भी शामिल कर लिया, जबकि मेरे खिलाफ कोई गंभीर आपराधिक प्रकरण भी दर्ज नहीं है। इस तरह की शिकायत और आप के बाद एसपी ने पुलिस कर्मचारियों को तो सस्पेंड कर दिया लेकिन मीडिया को पुलिस ने बताया कि भाजपा नेता पर भी SI को धमकाने तथा जुआ प्रकरण आदि पहले से ही दर्ज चले आ रहे हैं।