MP में 47 लोगों को 279 बार "सांप से कटवाया और मार डाला", 11 करोड के घोटाले की जांच में खुले राज - khabarupdateindia

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MP में 47 लोगों को 279 बार "सांप से कटवाया और मार डाला", 11 करोड के घोटाले की जांच में खुले राज


रफीक खान
मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में एक ऐसा घोटाला सामने आया, जो बेहद हैरान करने वाला है। यहां 47 लोगों को 279 बार सांप से कटवाया और उन्हें जान से मार डाला गया। मुआवजा के लिए किए गए फर्जीबाडे में सरकार को 11 करोड 26 लाख रुपए का चूना लगा है। लंबी जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और वर्ष 2019 से वर्ष 2022 तक का रिकॉर्ड भी जप्त किया गया है। मामले में 36 आरोपी बनाए गए हैं। अब तक 21 को गिरफ्तार कर लिया गया है और 15 फरार बताए जा रहे हैं। इस केस का हीरो केवलारी तहसील का सहायक ग्रेड 3 नायब नाजीर के रूप में पदस्थ सचिन दहायत सामने आया। सचिन ने पुलिस की पूछताछ में स्पष्ट किया कि जो लोग दुनिया में है ही नहीं उन्हें भी कई बार सांप से कटवाया और मारा गया। यहां तक कि कई नामों पर तो 28 से 30 बार मुआवजा निकलवाया गया। 47 people in MP were "bitten by snakes" 279 times, secret revealed in the investigation of Rs 11 crore scam

जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि सचिन ने बताया कि उसने 47 लोगों के नामों का इस्तेमाल किया। इनमें से कई लोगों का अस्तित्व ही नहीं है तो कई लोग अभी भी जिंदा हैं। इस पूरे मामले की जांच जबलपुर संभाग के कोष एवं लेखा विभाग ने की थी। इस घोटाले को अंजाम देने के लिए सचिन ने 47 लोगों के नाम पर 279 फर्जी मुआवजा प्रकरण बनाए यानी इन 47 लोगों को 279 बार मारा गया। बार-बार संशोधन कर इनके नाम से नए बिल तैयार किए और सरकारी खजाने से मुआवजा राशि निकालकर इन्हें फर्जी खातों में डाला गया। सचिन ने मध्यप्रदेश सरकार की वित्तीय प्रबंधन प्रणाली यानी आईएफएमएस (IFMS) सिस्टम में भी सेंध लगाई। जांच में ये भी सामने आया कि बिना मृत्यु प्रमाण पत्र, पुलिस सत्यापन या पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के भी भुगतान स्वीकृत किए गए। 2019 से 2022 के बीच किए गए इस घोटाले का खुलासा प्राकृतिक आपदा से मृत्यु के मामलों की संख्या से हुआ। दरअसल, सचिन दहायत ने राहत राशि के नाम पर 11 करोड़ रुपए बांट दिए थे। साल 2022 में जब इन प्रकरणों का ऑडिट शुरू हुआ, तब सचिन ऑडिट टीम के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ। कलेक्ट्रेट सिवनी की वित्त शाखा से तत्कालीन तहसीलदार को सूचना मिली कि केवलारी तहसील का नायब नाजीर अब तक ऑडिट के लिए नहीं पहुंचा है। इस पर तहसीलदार ने 18 अक्टूबर 2022 को उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया। इसके बावजूद सचिन गैरहाजिर रहा। फिर अचानक गायब हो गया। इसके बाद तहसीलदार ने उसके खिलाफ केवलारी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामले में 36 आरोपियों को चिह्नित किया गया है, जिसमें से 21 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, मामले की जांच चल रही है। इस मामले में राजस्व विभाग के कई नायब तहसीलदार, तहसीलदार, पटवारी, राजस्व निरीक्षक तथा अन्य अधिकारी भी शामिल होने का संदेह प्रशासन व पुलिस द्वारा व्यक्त किया गया है। जांच में और खुलासा होने की उम्मीद की जा रही है।