16 साल में पहली बार 8 दिन पहले केरल पहुंचा मानसून, औसत से ज्यादा बारिश होने की उम्मीद - khabarupdateindia

खबरे

16 साल में पहली बार 8 दिन पहले केरल पहुंचा मानसून, औसत से ज्यादा बारिश होने की उम्मीद


रफीक खान
प्रकृति के साथ लगातार हो रही खिलवाड़ और अंधाधुंध आधुनिकता के चक्कर में वातावरण बहुत बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। प्रदूषित होते पर्यावरण के चक्कर में बारिश की भी लगातार कमी बन रही है। इस बार मौसम विभाग के संकेत के मुताबिक 8 दिन पूर्व यानी कि शनिवार को मानसून केरल पहुंच गया है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार औसत से अधिक बारिश होगी। पर्याप्त मात्रा में बारिश का होना पूरे जनजीवन के लिए अति आवश्यक हो गया है। For the first time in 16 years, monsoon reached Kerala 8 days earlier, more than average rainfall expected

जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि वर्ष 2009 में मानसून 9 दिन पहले पहुंचा था। वहीं, पिछले साल 30 मई को दस्तक थी। मानसून चार दिन से देश से करीब 40-50 किलोमीटर दूर अटका था और शुक्रवार शाम आगे बढ़ा। एक हफ्ते में देश के दक्षिणी और पूर्वोत्तर राज्यों जबकि 4 जून तक मध्य और पूर्वी भारत को कवर कर सकता है। आम तौर पर मानसून 1 जून को केरल पहुंचता है और 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है। यह 17 सितंबर के आसपास वापस लौटना शुरू करता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है। मौसम विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि मानसून की शुरुआत की तारीख और सीजन के दौरान कुल बारिश के बीच कोई संबंध नहीं है। इसके जल्दी या देर से पहुंचने का मतलब यह नहीं है कि यह देश के अन्य हिस्सों को भी उसी तरह कवर करेगा। मानसून समय से पहले आ जाए, लेकिन उसकी गति अच्छी बनी रहे, तो वह पूरे देश में सामान्य या अच्छी बारिश दे सकता है, लेकिन अगर मानसून जल्दी आकर धीरे पड़ जाए या कमजोर हो जाए, तो कुल मिलाकर कम बारिश हो सकती है। कभी-कभी मानसून देर से आता है, लेकिन लंबे समय तक टिकता है और अच्छी बारिश देता है। कुल मिलाकर यह है कि जरूर की बारिश पर्याप्त मात्रा में हो और कहीं भी बारिश आफत ना बने तो हर वर्ग के लिए बेहतर ही बेहतर होगा।