रफीक खान
मध्य प्रदेश सरकार में मुख्य सचिव रह चुके वरिष्ठ आईएएस अधिकारी इकबाल सिंह बैंस तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी ललित मोहन बेलवाल के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने जाँच शुरू कर दी है। 500 करोड रुपए के भ्रष्टाचार मामले में दोनों की भूमिका को स्पष्ट किया जाएगा। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक CAG की रिपोर्ट में वर्ष 2018-19 से लेकर वर्ष 2021-22 के बीच टेक होम राशन घोटाला उजागर होने के बाद लोकायुक्त पुलिस ने यह मामला जांच के लिए अपने कब्जे में लिया है। Case filed against Ex CS Iqbal Singh Bains and IAS Belwal in Lokayukta, investigation of Rs 500 crore corruption begins
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि अगस्त 2023 में पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने लोकायुक्त में शिकायत कर 500 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। उन्होंने इकबाल सिंह बैंस और आजीविका मिशन के पूर्व सीईओ ललित मोहन बेलवाल के विरुद्ध नामजद शिकायत की थी। बैंस उस समय पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में अपर मुख्य सचिव (एसीएस) थे। टीएचआर बनाने वाला आजीविका मिशन इसी विभाग के अंतर्गत आता है। लोकायुक्त संगठन ने महिला एवं बाल विकास विभाग, आजीविका मिशन और अन्य संबंधित विभागों एवं कार्यालयों में जानकारी मांगने के बाद जांच पंजीबद्ध की है। पूर्व विधायक सकलेचा ने कहा कि पोषण आहार में आठ जिलों की जांच में सीएजी ने लगभग 500 करोड़ का घोटाला मात्र चार वर्षों में पाया। यदि सभी जिलों जांच की गई तो यह घोटाला इससे कई गुना बड़ा निकलता। उन्होंने आरोप लगाया कि इकबाल सिंह बैंस ने पंचायत विभाग के अपने कार्यकाल में 2017 में अपने चहेते बेलवाल को वन विभाग से प्रतिनियुक्ति पर लाकर आजीविका मिशन का सीईओ बना दिया। इसके बाद षड्यंत्रपूर्वक पोषण आहार बनाने वाली सातों फैक्ट्री का कार्य एग्रो इंडस्ट्री कारपोरेशन से लेकर आजीविका मिशन को दे दिया। इस पूरे मामले में 36 अधिकारी रडार पर है. जिनको पहले विभागीय आधार पर नोटिस तथा अन्य कार्रवाइयों का सामना करना पड़ रहा है।