रफीक खान
मध्य प्रदेश में सरकारी एजेंसियां भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कितनी भी कार्रवाई करती रहे लेकिन घूसखोरों के हौसले पस्त होते नजर नहीं आ रहे हैं। सरकारी दफ्तर में पहुंचने वाले लोगों से रिश्वत मांगने में अफसर जरा भी परहेज नहीं करते। बड़वानी जिले में लाइसेंस रिन्यूअल के लिए पहुंचे एक व्यक्ति से ₹30000 की मांग की गई। लोकायुक्त पुलिस की टीम ने क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी RTO और उसके एजेंट को रंगे हाथों की रफ्तार किया है। आरटीओ और एजेंट के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है। Corrupt RTO and agent arrested in MP, Lokayukta police caught them, had demanded 30 thousand rupees for license renewal
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि शिकायतकर्ता चेतन शर्मा निवासी अंजड़ ने बताया कि उसका भाई परिवार के भरण पोषण के लिए आरटीओ एजेंट के रूप में काम करता है। वो आरटीओ अधिकारी रीना किराड़े से 20-22 लाइसेंस रिनिवल व अन्य कार्य के लिए मिलने पहुंचा तो उन्होंने एजेंट विवेक मलतारे से मिलने और प्रोसेस करने की बात कही। जब हम मलतारे से मिले तो उन्होंने 30 हजार रुपयों की मांग की थी। पहली किश्त के रूप में 10 हजार रुपए का लेन देन तय हुआ था। जिसकी शिकायत उन्होंने इंदौर लोकायुक्त कार्यालय में की थी। शिकायत सही पाए जाने पर बुधवार को रिश्वत के 10 हजार रूपये लेकर शिकायतकर्ता को रिश्वत देने भेजा। अंजड़ नगर के गायत्री मंदिर के पास जैसे ही एजेंट विवेक मलतारे ने रिश्वत के नोट लिए तो लोकायुक्त की टीम ने उसे धरदबोचा। लोकायुक्त की टीम एजेंट को पकड़कर आरटीओ कार्यालय लाई जहां आरटीओ एजेंट के साथ ही जिला परिवहन अधिकारी रीना किराड़े को भी आरोपी बना कर कार्रवाई की गई।