रफीक खान
मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक ऐसा मामला प्रकाश में आया, जिसमें किसी मामले में बचाने के लिए नहीं बल्कि रिपोर्ट लिखवाने के लिए थानेदार और सिपाही में₹25000 की रिश्वत मांग ली। तत्काल यह राशि न मिलने पर फरियादी की मोटरसाइकिल ही छीन ली और मोटरसाइकिल वापस करने के बदले ₹5000 की मांग की गई। परेशान युवक ने लोकायुक्त पुलिस को शिकायत कर दी। टीम ने सिपाही को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। SI and constable snatched motorcycle, demanded ₹5000, arrested by Lokayukta police team
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि आवेदक शिवम चौरसिया अंधेरदेव जबलपुर की शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस की टीम ने आरोपी नीतेश शुक्ला आरक्षक थाना ओमती जबलपुर को घटनास्थल ओमती चौक जबलपुर से रिश्वत राशि- ₹5000/- के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया। कहा जाता है कि आवेदक शिवम चौरसिया अपने मित्र के साथ कंगन गिरवी रखने के बदले में पैसा ना मिलने के विवाद पर एक लिखित शिकायत देने थाना ओमती में गया । थाने में आरक्षक नितेश शुक्ला मिला, जिसने उसे पहले तो बाहर से ही भगा दिया। दूसरे दिन फरियादी फिर गया तब आरक्षक ने सब इंस्पेक्टर शिव गोपाल गुप्ता से मिलवाया। शिकायत को लेकर दोनों ने कहा कि जब तक 25000 रुपए नहीं दोगे तो हम तुम्हारे खिलाफ नकली कंगन बेचने के जुर्म में मुकदमा कायम कर देंगे और उसकी मोटरसाइकिल रख ली। मोटरसाइकिल छोड़ने के एवरेज में ₹5000 मांगे। तब आवेदक ने आकर लोकायुक्त पुलिस कार्यालय में शिकायत की। शिकायत की तस्दीक उपरांत 2 जून को आरोपी आरक्षक नितेश शुक्ला को ₹5000 लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा। आरोपी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम1988 (संशोधन)2018 की धारा-7, 13(1)B, 13(2) के अंतर्गत कार्यवाही की जा रही है । ट्रेप दल में उप पुलिस अधीक्षक सुरेखा परमार, निरीक्षक शशि मर्सकोले, निरीक्षक कमल सिंह उइके आदि मौजूद रहे।