रफीक खान
मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हरदा में करणी सेना परिवार के आंदोलन के दौरान राजपूत छात्रावास में पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज मामले में एक्शन लिया है। सीएम ने हरदा के एडिशनल एसपी, एसडीएम और एसडीओपी को हटा दिया है। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कोतवाली टीआई और ट्रैफिक थाने के प्रभारी को नर्मदापुरम आईजी ऑफिस में अटैच किया है। ऐसा कह दिया जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि प्रथम दृष्टया जिम्मेदार माने गए सारे के सारे लोगों को बदल दिया गया है। CM Mohan Yadav's action on lathicharge: changed everything, created panic in police and administration
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि जांच के आदेश और प्राप्त जांच प्रतिवेदन के उपरांत लिए गए एक्शन के साथ ही सीएम ने X हैंडल पर ट्वीट किया है कि हरदा जिले में 13 जुलाई को राजपूत छात्रावास में घटित प्रकरण की जांच के उपरांत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, एसडीएम एवं एसडीओपी को तत्काल प्रभाव से हरदा जिले से हटाया गया है। थाना प्रभारी, कोतवाली एवं थाना प्रभारी (ट्रैफिक) को नर्मदापुरम् आईजी कार्यालय में अटैच किया गया है। समाज के छात्रावास में अनुचित बल प्रयोग एवं स्थिति को संवेदनशील रूप से निराकरण करने में की गई लापरवाही को लेकर यह एक्शन लिया गया है। उल्लेखनीय है कि हरदा में करणी सेना के नेता आशीष राजपूत के साथ धोखाधड़ी हुई। हार खरीदने के नाम पर कुछ लोगों ने उनसे 18 लाख रुपये ठग लिए। इस घटना के बाद आशीष ने तीन लोगों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया था। इनमें विकास लोधी, मोहित वर्मा और उमेश तपानिया मुख्य आरोपी हैं। पुलिस में शिकायत के बाद मोहित वर्मा को पकड़ लिया गया। मामला देखते ही देखते और तनावपूर्ण हो गया। पुलिस मोहित वर्मा कोर्ट लेकर जा रही थी, तभी करणी सेना पुलिस से मोहित को मांगने लगी। करणी सेना के 3 दर्जन से ज्यादा नेता और कार्यकर्ता वहां नारेबाजी करने लगे। पुलिस ने हालात को काबू में करने के लिए लाठी चार्ज कर दिया था।