रफीक खान
खबर झारखंड राज्य की है। यहां धनबाद में एक सरकारी शराब की दुकान से 800 बोतल अंग्रेजी शराब गायब हो गई। स्टॉक की जांच में जब यह राज खुल तो दुकान संचालकों ने बताया कि शराब चूहे पी गए हैं। बोतल और ढक्कन भी चबा गए हैं। दुकान चलाने वालों के स्टॉक से हर कोई पशोपेश में है। बहरहाल झारखंड में एक पुरानी कहावत है सूर्य अस्त, झारखंड मस्त। जिसका मतलब झारखंड में यह निकाला जाता है कि सूरज ढलने के बाद यहां शराब आम बात है। फिर भला चूहे क्यों पीछे रहे। How did the rats swallow the liquor, chew the lid and the bottle, everyone is confused, the secret was revealed during stock check
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कहा जाता है कि बलियापुर और प्रधान खंता क्षेत्र की दुकानों में जब जांच हुई, तो पता चला कि 800 बोतलों में या तो शराब कम थी या फिर बोतल पूरी तरह खाली थीं। दुकान संचालकों ने अधिकारियों को बताया कि चूहों ने बोतलों के ढक्कन चबाकर शराब पी ली है, और कुछ मामलों में तो पूरी बोतल ही गायब मिलीं। ये चूहे सिर्फ देसी नहीं, बल्कि विदेशी शराब के शौकीन बताए जा रहे है। यह पहली बार नहीं है जब धनबाद के चूहों पर नशे से जुड़ी चीजों का सेवन करने का आरोप लगा है। पहले भी पुलिस द्वारा जब्त किए गए गांजा और भांग को भी चूहों द्वारा खा जाने का दावा किया जा चुका है। इससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या धनबाद के चूहे वाकई इतने 'नशेड़ी' हो गए हैं, या फिर यह सिर्फ एक बहाना है? पूरे मामले ने अब एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। क्या वास्तव में चूहों ने 800 बोतल शराब पी ली, या फिर यह सरकारी शराब दुकानों में हुए 'गोलमाल' को छिपाने का एक बहाना है? एक सितंबर से राज्य में नई शराब नीति लागू होनी है, और इससे पहले स्टॉक की जांच के दौरान यह माजरा सामने आया है। हालांकि जांच दल और संबंधित विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने इस तरह के तर्क को पूरी तरह से नकार दिया है और दुकान संचालकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। संतोषजनक जवाब ना आने पर चूहों के नाम गटकी गई शराब का पूरा हर्जाना भरना पड़ेगा।