पाटन के रईस ने बनाया था खितोला बैंक डकैती का प्लान, UP से बुलाए बदमाश, CC कैमरों की तलाश में सामने आई कहानी - khabarupdateindia

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पाटन के रईस ने बनाया था खितोला बैंक डकैती का प्लान, UP से बुलाए बदमाश, CC कैमरों की तलाश में सामने आई कहानी


रफीक खान
मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के खितोला थाना अंतर्गत क्षेत्र में इसाफ स्मॉल फाइनेंस बैंक डकैती मामले में क्लोज सर्किट कैमरों की फुटेज को खंगालने के बाद काफी सुराग हासिल हुए हैं। पुलिस टीम आरोपियों के लगभग करीब पहुंच जा पहुंची है। पुलिस को यह भी पता चला है कि इस घटना का मास्टरमाइंड पाटन का रहने वाला रईस नाम का व्यक्ति है। रईस ने ही पूरी प्लानिंग की और फिर उत्तर प्रदेश से बदमाशों को बुलाया। खितोला में किराए का मकान लिया और पूरी रैकी के बाद वारदात को अंजाम दिया। पुलिस अब आरोपियों की लगभग पहचान हो जाने के बाद उनके गिरेबान में हाथ डालने के लिए मशक्कत कर रही है। A rich man from Patan planned to rob Khitola bank, called criminals from UP, the story came to light while looking for CCTV cameras

गौरतलब है कि 2 दिन पूर्व सोमवार को सुबह 9:00 बजे बैंक के दरवाजे खुलते ही नकाबपोश बदमाशों ने कट्टा और पिस्तौल की नोक पर 15 करोड रुपए का सोना और ₹500000 नगद लूट लिए थे। इसके बाद पुलिस लगातार पतासाजी में जुटी रही। बैंक से लेकर पूरे खितोला और सिहोरा तक के क्लोज सर्किट कैमरों की तलाशी के बाद पुलिस को अहम सुराग मिले। पुलिस ने सी सी कैमरा के फोटोस से इनपुट हासिल किया। कहा जाता है कि डकैती के मास्टर माइंड रईस ने खितौला में रहने वाले सोनू बर्मन से संपर्क किया और उसे एक किराए का मकान खोजने के लिए कहा। सोनू ने 2 हजार रुपए दलाली लेकर रईस और उसके साथियों को नारायणपुर बस्ती निवासी इंद्रजीत विश्वकर्मा का मकान उन्हें दिला दिया। रईस ने मकान मालिक को पहले ही बता दिया था कि उन्हें सिर्फ आठ दिन के लिए मकान चाहिए। डकैतों ने बकायदा पूरी रैकी की फिर वारदात को अंजाम दे दिया। पुलिस ने इंद्रजीत विश्वकर्मा के मकान के उस हिस्से की तलाशी ली, जहां डकैत रुके हुए थे। जहां से पुलिस को पांच पिस्टल और कुछ थैले और बैग बरामद हुए। बताया जा रहा है कि पुलिस ने क्षेत्र और आसपास के करीब एक सैकड़ा कैमरों की फुटेज खंगाली थी, जिसके आधार पर उनका पूरा शक इंद्रजीत विश्वकर्मा के घर में रहने वालों पर ही गया था। घटना वाले दिन वे सभी वहां से गायब भी हो गए। मकान मालिक को दिए गए आधारकार्ड के आधार पर पुलिस ने उसका स्थाई पता भी निकाल लिया।