कुबेरेश्वर धाम में आस्था के बीच मौतों का तांडव, 3 दिन के भीतर 8 ने गंवाई अपनी जान, कई घायल, भोपाल-इंदौर के बीच जाम - khabarupdateindia

खबरे

कुबेरेश्वर धाम में आस्था के बीच मौतों का तांडव, 3 दिन के भीतर 8 ने गंवाई अपनी जान, कई घायल, भोपाल-इंदौर के बीच जाम


रफीक खान
मध्य प्रदेश के कुबेरेश्वर धाम में सावन के पवित्र माह पर आयोजित कार्यक्रमों के बीच उमड़ रहे आस्था के जनसैलाब और मौतों के तांडव ने हर किसी की चिंता बढ़ा दी है। शासन प्रशासन क्या चाह रहा है और क्या आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं? इसका भी सभी को इंतजार है। इस बीच कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की हंसती-खिलखिलाती हुई फोटो काफी वायरल हो रही है। सोशल मीडिया पर इसे जमकर ट्रोल भी किया जा रहा है। तीन दिनों के भीतर आठ श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, जबकि कई घायल है। वही भोपाल-इंदौर हाईवे पर लगातार जाम ने भी हर किसी को हलाकान कर रखा है।Deaths amidst faith in Kubereshwar Dham, 8 people lost their lives within 3 days, many injured, traffic jam between Bhopal-Indore

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कहा जाता है कि मंगलवार को उमड़ी भारी भीड़ के बीच दो महिला श्रद्धालुओं की मौत के बाद बुधवार को हरियाणा, गुजरात व छत्तीसगढ़ के 3 श्रद्धालुओं की मौत के बाद तीसरे दिन गुरुवार को दो और श्रद्धालुओ की मौत की खबर आई है। यानी मौतों का सिलसिला तीसरे दिन भी जारी है। पंडित प्रदीप मिश्रा की अव्यवस्थाओं में तीन दिन में सीहोर जिला स्थित कुबेरेश्वर धाम में करीब 3 लाख श्रद्धालु पहुंच गए। इसमें बुजुर्ग और अन्य श्रद्धालु गिरे तो संभलने का मौका नहीं मिला। इसी हठ में कांवड़ यात्रा के कारण इंदौर-भोपाल हाईवे, डायवर्सन रोड पर 18 किमी जाम में लोग परेशान हो रहे। 3 साल के आंकड़े बताते हैं, ढाई-तीन लाख की भीड़ यहां आती ही है। इसके बीच माकूल इंतजाम ना किया जाना बड़ी लापरवाही है। पंडित प्रदीप मिश्रा इसे अचानक बढ़ी भीड़ बताकर अपने आयोजन में व्यस्त है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहां जा रहा है कि पंचावल गुजरात से आए चतुर भाई (50) सहित दर्जनों श्रद्धालु भीड़ में आनंद होटल के पास गिरकर घायल हो गए। जिला अस्पताल ले जाने से पहले ही उनकी मौत हो गई। झज्जर रोहतक (हरियाणा) के ईश्वर सिंह यादव (65) पत्नी सुशीला के साथ पहुंचे। कुबेरेश्वर धाम में ही वे भीड़ में गिर पड़े। इसके बाद वे उठ न सके। मौत हो गई। कांवड़ यात्रा में धक्का लगने से सुनीता (50) का पैर टूट गया। नागपुर की मनीषा (48) बेहोश होकर गिरीं। वे आधे घंटे पड़ी रहीं, गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। अलग-अलग कई प्रांतो से आए श्रद्धालुओं की यही दशा है और अव्यवस्थाओं को कोसन के अलावा किसी के पास कोई चारा नजर नहीं आ रहा है।