रफीक खान
मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले की कलेक्टर नेहा मीना की इनोवा कर में हाईवे द्वारा टक्कर मारे जाने की घटना की जांच पड़ताल में बड़ा खुलासा हुआ है। इस मामले में खनिज अधिकारी की घोर लापरवाही और अनियमितताएं भी सामने आई है। जांच रिपोर्ट का पूरा चिट्ठा बनाकर एक्शन के लिए संभाग आयुक्त के पास भेज दिया गया है। ऐसा माना जा रहा है कि इस मामले में शासन द्वारा बड़ा एक्शन लिया जा सकता है।
In the case of "Collector's car hit by highway", the negligence of the mineral officer came to light, preparations for action are being made
मामले में जांच पड़ताल के दौरान डंपर चालक ने बताया कि वह अलीराजपुर से रेत लेकर आया और कहीं डालकर वापस लौट रहा था, घटना के वक्त डंपर खाली था। डंपर रेत कारोबारी शांतिलाल बसेर का है। रेत के लिए अवैध गोदाम रणपुर में बने हुए हैं और ऐसे कई डंपर चलते हैं। डंपर वाले के पास किसी तरह की रायल्टी व अन्य वैध दस्तावेज नहीं थे यानी रेत परिवहन अवैध था। बसेर के कई और डंपर इसी तरह रेत का अवैध परिवहन करते हैं। इस पर कलेक्टर ने चालक से मिली जानकारी के आधार पर माइनिंग आफिसर भिड़े को कार्रवाई के लिए कॉल किया लेकिन भिड़े ने फोन ही नहीं उठाया। ना हा वह समय पर कलेक्टर का TL मीटिंग में गए। भिड़े दोपहर 1 बजे पहुंचे और देरी से आने का कोई कारण नहीं बता सके। फिर कलेक्टर ने उन पर डंपर चालक से मिली जानकारी पर कार्रवाई के लिए कहा। लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की और यह उल्टा कह दिया कि डंपर तो खाली था, इसमें कोई कार्रवाई नहीं बनती है। कलेक्टर ने इस पर एसडीएम, तहसीलदार की टीम बनाकर भेजी। जब टीम रणापुर पहुंची तो वहां कई डंपर खड़े मिले, अवैध गोदाम मिला और इसमें आदिवासी की जमीन पर गलत कब्जा जैसी कई अनियमितताएं थी। 70 लाख की पेनल्टी की कार्रवाई हुई लेकिन भिड़े और खनिज विभाग द्वारा कोई एक्शन नहीं लिया गया। कुल मिलाकर खनिज अधिकारी की न सिर्फ कार्यशैली बल्कि इस घटनाक्रम में भूमिका भी काफी संदिग्ध सामने आ रही है।