ग्वारीघाट क्षेत्र में लगाए जा रहे थे "दूध शाकाहार नहीं" के पोस्टर सीएसपी की टीम ने दबोचा, तब खुला यह राज... - khabarupdateindia

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ग्वारीघाट क्षेत्र में लगाए जा रहे थे "दूध शाकाहार नहीं" के पोस्टर सीएसपी की टीम ने दबोचा, तब खुला यह राज...


रफीक खान
मध्य प्रदेश के जबलपुर में ऐन दीपोत्सव पर्व के दौरान माहौल बिगड़ने की कोशिका का एक मामला सामने आया है। यहां पुण्य सलिला नर्मदा तट ग्वारीघाट के करीब "दूध शाकाहार नहीं" के पोस्टर लगाए जा रहे थे। आधी रात को यह काम राजधानी भोपाल की एक विज्ञापन एजेंसी द्वारा करवाया जा रहा था। उसके कर्मचारी मौके पर छोटा हाथी में तमाम तरह का प्रचार मटेरियल लेकर मौजूद थे। पुलिस ने इन सभी को हिरासत में लिया है तथा पूछताछ की जा रही है। Posters saying "Milk is not vegetarian" were being put up in the Gwarighat area. The CSP team caught them and then this secret was revealed...

गौरतलब है कि दीपोत्सव के दौरान गौरी घाट में भी दीप प्रज्ज्वलन का बड़ा आयोजन किया जाता है। इस बार भी 51 000 दीपक जलाकर नर्मदा मैया को समर्पित किए जाएंगे। पुलिस को रात करीब 1 से 2 बजे के बीच इसकी सूचना मिली, जिसके बाद सीएसपी महादेव प्रसाद नगोतिया और थाना प्रभारी सुभाषचंद्र बघेल मौके पर पहुंचे। उन्होंने देखा कि एक छोटा हाथी वाहन में पोस्टर रखे हुए थे और तीन युवक उन्हें सड़क किनारे चिपका रहे थे। जब उनसे नगर निगम की अनुमति मांगी गई तो वे कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके। पूछताछ में एक युवक राजेश अहिरवार ने बताया कि वे भोपाल के कोलार क्षेत्र के रहने वाले हैं और यह काम उन्हें विपुल पांडे नामक व्यक्ति ने दिया था, जो प्रिंस इंटरप्राइजेस (भोपाल) के मालिक हैं। उन्हें निर्देश दिया गया था कि जबलपुर के गौरीघाट क्षेत्र में ये पोस्टर लगाए जाएं। पुलिस ने इनके पास से 50 से अधिक पोस्टर जब्त किए हैं। युवकों ने बताया कि इससे पहले वे फ्लाईओवर उद्घाटन के समय भी शहर में पोस्टर लगाने का काम कर चुके हैं। कहां जाता है कि पोस्टर पर लिखा था “MILK IS NOT VEGETARIAN, दूध शाकाहार नहीं है। भारत दुनिया में बीफ के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है और अधिक जानने के लिए ‘मां का दूध’ यूट्यूब पर देखें।” पोस्टर पर किसी प्रकाशक या संस्था का नाम नहीं था, जिससे इसकी प्रामाणिकता और उद्देश्य पर सवाल उठने लगे हैं। पुलिस को प्रथमदृष्टया यह समझ में आ गया था कि यह भावनाओं को आहत कर धर्म विशेष के लोगों का भड़काने का काम कर सकता है।