रफीक खान
मध्य प्रदेश में सिवनी के बाद देवास जिले में हवाला कांड और साइबर ठगी का मामला सामने आया है। देवास जिले के पुलिस अधीक्षक ने एक थाना प्रभारी तथा एक चौकी प्रभारी को सस्पेंड कर दिया है लेकिन मामले का खुलासा अधिकृत तौर पर नहीं किया गया है। दोनों पुलिस अधिकारियों पर आरोप है कि थाने के भीतर बड़ा नगद लेनदेन कर 11 आरोपियों को छोड़ दिया गया है। मामले में विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है। इस पूरे घटनाक्रम में पूर्व में देवास में पदस्थ रही एक महिला पुलिस अधिकारी की भी भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है।Second hawala scandal in MP after Seoni, role of a female police officer also found suspicious
जानकारी के अनुसार कहा जाता है कि इस मामले में विदिशा, इंदौर सहित अन्य जगहों से करीब 11 लड़कों को कमलापुर चौकी पर उपेंद्र नाहर लेकर आए थे। दूसरे दिन सभी लड़कों से थाने में कैश बुलवाया गया। पकड़े लड़कों के साथ कुछ वकील भी पहुंचे थे। लेनदेन के बाद जमानत दे दी। इस मामले में वरिष्ठ अफसरों को एसआई उपेंद्र गुमराह करते रहे। उन्हें साइबर ठगी को लेकर सही जानकारी भी नहीं दी। इस मामले में पीड़ित पक्ष को भी रुपए जब्त नहीं होने की बात करते हुए मामले में कोर्ट से कार्रवाई होने की बात का हवाला देकर रवाना किया गया। देवास में सोशल मीडिया पर सिवनी जैसे कांड को लेकर मैसेज वायरल हुआ, जिसमें लाखों रुपए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और दोनों एसआई द्वारा लिए जाने की बात कही गई। एसपी पुनीत गेहलोद ने कमलापुर थाना प्रभारी उपेंद्र नाहर और चापड़ा पुलिस सहायता केंद्र प्रभारी राकेश नरवरिया के खिलाफ ये कार्रवाई की।
