रफीक खान
अफसरों के कद से ऊपर जाकर जनता जनार्दन की बात रखने के लिए ही जनप्रतिनिधियों को किसी सदन तक पहुंचाया जाता है लेकिन मध्य प्रदेश विधानसभा में ऐसे ही जनप्रतिनिधियों ने हावी अफसरशाही का आरोप लगाया है। मध्य प्रदेश के पांच विधायकों द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को भेजी गई चिट्ठी में कहा गया है कि जो महत्वपूर्ण सवाल विधायकों द्वारा पूछे जा रहे हैं, उन्हें अफसर अपने मन मुताबिक बनाकर जवाब पेश कर रहे हैं। विधायक जयवर्धन सिंह के एक सवाल पर दिए गए गलत जवाब की बात खुद प्रदेश सरकार के मंत्री इंदर सिंह परमार स्वीकार चुके हैं। यह सिलसिला लगातार जारी है. जिससे सदन की गरिमा को तो ठेस पहुंची रही है, वहीं प्रदेश को भी इस कार्यशैली से बड़ा नुकसान पहुंचेगा। Questions are being changed in connivance with officers of the concerned departments, a letter sent to the Speaker of the Assembly
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कहा जाता है कि मध्य प्रदेश के सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक प्रताप ग्रेवाल, जोरा के विधायक पंकज उपाध्याय, राजपुर के विधायक बाला बच्चन, राघवगढ़ के विधायक जयवर्धन सिंह तथा तराना के विधायक महेश परमार ने विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर को चिट्ठी लिखकर स्पष्ट तौर पर विधानसभा में चल रहे ढर्रे का आईना दिखाया है। लाडली बहन योजना से लेकर सामाजिक न्याय और उद्योगों से संबंधित प्रश्नों के जवाब में जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा हेरा फेरी की गई है। जिसकी शिकायत संबंधित विधायक ग्रेवाल ने कर दी है। जिम्मेदार अधिकारी हालांकि इस तरह की शिकायतों से इत्तेफाक नहीं रखते हैं। उनका कहना है कि सारे सवाल ऑनलाइन होते हैं हालांकि अध्यक्ष की अनुमति लेकर जवाबों को छोटा भी किया जा सकता है। सवालों को भी छोटा किया जा सकता है। पूरे प्रदेश की बजाय एक जिले की जानकारी दी जा सकती है।
