फिल्मी स्टाइल में जज की कार छीनकर VC को अस्पताल ले भागे छात्र, पुलिस ने दर्ज किया डकैती का मामला, ABVP कर रही हंगामा - khabarupdateindia

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फिल्मी स्टाइल में जज की कार छीनकर VC को अस्पताल ले भागे छात्र, पुलिस ने दर्ज किया डकैती का मामला, ABVP कर रही हंगामा





Rafique Khan

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां एक विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर को हार्ट अटैक आने के बाद वहां पहुंचे छात्रों ने स्टेशन के बाहर खड़ी कार को मांगने की कोशिश की लेकिन ड्राइवर ने जब कार देने में असमर्थता जताई तो छात्र उसे फिल्मी स्टाइल में धक्का देकर जबरदस्ती कार ले उड़े। कार में वीसी को बिठाकर अस्पताल ले जाया गया था। दरअसल यह कर किसी सामान्य आदमी की नहीं बल्कि हाईकोर्ट के किसी जज की थी। घटना के बाद पुलिस ने आरोपी छात्रों के खिलाफ डकैती का मामला दर्ज किया है। एक और जहां VC की जान को बचाया नहीं जा सका। वही मुकदमा दर्ज किए जाने के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद लगातार हंगामा कर रही है।

इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार बताया जाता है कि पीके यूनिवर्सिटी शिवपुरी के वाइस चांसलर रणजीत सिंह यादव को ग्वालियर में ट्रेन में हार्ट अटैक आया था। ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर तड़के 4 बजे छात्रों ने हाईकोर्ट जज के ड्राइवर से कार छीनी और कार में कुलपति को लेकर अस्पताल पहुंचे। हालांकि, VC को बचाया नहीं जा सका। पुलिस ने शहर में नाकाबंदी की तो कार JAH के पास खड़ी मिल गई। कुलपति को बचाने के लिए हाईकोर्ट जज की कार छीनकर ले जाने के मामले में आरोपी छात्र हिमांशु और सुक्रत पर केस किया गया है। इसकी जानकारी मिलते ही ABVP के छात्रों ने देर रात पड़ाव थाने का घेराव कर दिया। उनकी मांग थी कि छात्रों पर दर्ज डकैती का केस तत्काल वापस लिया जाए। उन्होंने कहा कि छात्रों ने कोई अपराध नहीं किया है। जो किया, वह एक जिंदगी बचाने के लिए किया है।

मुरैना से तबीयत खराब होना शुरू हुई थी

जानकारी के अनुसार ट्रेन में दिल्ली से झांसी के लिए सवार हुए प्रो. रणजीत सिंह यादव की मुरैना से तबीयत खराब होना शुरू हुई थी। मुरैना स्टेशन प्रबंधन ने उन्हें ग्वालियर उतरने के लिए कहा और बताया कि वहां पर स्टेशन के बाहर एम्बुलेंस तैनात मिलेगी। लोग उन्हें जब स्टेशन के बाहर लेकर पहुंचे तो वहां एम्बुलेंस नहीं थी, पर सामने हाईकोर्ट जज की कार खड़ी थी। छात्रों ने ड्राइवर से उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए कहा। ड्राइवर भी हाईकोर्ट जज को लेने पहुंचा था। जज भोपाल से लौटे थे और उसी समय उनकी ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर-2 पर आई थी। लिहाजा उसने मना कर दिया।