अब "नए रोल" में पूर्व कैबिनेट मंत्री गोपाल भार्गव, कथावाचक के रूप में लोगों को पढ़ा रहे झूठी दुनिया, झूठा बंधन, झूठी है यह माया... का पाठ - khabarupdateindia

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अब "नए रोल" में पूर्व कैबिनेट मंत्री गोपाल भार्गव, कथावाचक के रूप में लोगों को पढ़ा रहे झूठी दुनिया, झूठा बंधन, झूठी है यह माया... का पाठ



Rafique Khan

सागर जिले की रहली विधानसभा क्षेत्र से 9 बार के विधायक तथा लंबे समय तक मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री का बखूबी दायित्व संभालने वाले भाजपा नेता गोपाल भार्गव अब नए रोल में नजर आ रहे हैं। दरअसल मुख्यमंत्री की दौड़ में काफी जोर लगाने के बाद भी सफलता न मिलने के बाद गोपाल भार्गव ने अब साधु, पुरोहित तथा कथा वाचकों जैसी वेशभूषा धारण कर ली है। रहली विधानसभा क्षेत्र में राम कथा आयोजन के दौरान उन्होंने लोगों को झूठी दुनिया, झूठे बंधन, झूठी है यह माया, झूठा है सांस का आना-जाना, झूठी है यह काया...जैसा भजन गाते हुए देखा गया है। खुद गोपाल भार्गव ने यह वीडियो इंटरनेट पर अपलोड किए हैं और वह खूब वायरल भी हो रहे हैं।

कहा जाता है किसोशल मीडिया में डाले गए वीडियो में गोपाल भार्गव व्यास गद्दी पर बैठे नजर आ रहे हैं। पहले वीडियो में उन्होंने लाल और दूसरे वीडियो में पीला पिछौरा (वस्त्र) धारण किया हुआ है। वे व्यास गद्दी से भजन गा रहे हैं और अयोध्या में भगवान श्रीराम के राघव स्वरूप विग्रह के विराजमान होने की बात भी सुना रहे हैं। पहले वीडियो में पूर्व मंत्री व वर्तमान में रहली विधायक गोपाल भार्गव एक प्रसिद्ध् भजन... बनवारी रे मेरे जीने का सहारा तेरा नाम रे, मुझे दुनिया वालों से क्या काम रहे।। झूठी दुनिया, झूठे बंधन, झूठी है ये माया, झूठा है सांस का आना जाना, झूठी है ये काया...भजन भी गाते नजर आ रहे हैं। भार्गव के इस नए रूप को लेकर राजनीतिक हलकों से लेकर आम जनता तक अलग-अलग मायने निकाल रही है।

PM, PMO, जेपी नड्डा, BJP, RSS को किया टैग

जानकारी के मुताबिक गोपाल भार्गव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपने नए रंग-रूप और नए वैरागी जैसे अवतार के वीडियो शेयर किए हैं, उनको देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पीएमओ, भाजपा, जेपी नड्डा, आरएसएस और बीजेपी4इंडिया सहित श्रीरामतीर्थ अकाउंट को टैग किए गए हैं। पूर्व मंत्री व मप्र के सागर जिले की रहली विधानसभा से विधायक गोपाल भार्गव मप्र में सबसे सीनियर विधायक हैं। वे लगातार 9वीं दफा रहली से जीतकर आए हैं। यह एक रिकॉर्ड है। इस दफा उनके समर्थक और वे स्वयं सीएम पद की दौड़ में बता रहे थे, लेकिन भाजपा उन्हें सीएम नहीं बनाया। वे बीते 18 साल तक लगातार मंत्री पर काबिज रहे हैं। पार्टी ने उन्हें इस दफा मप्र विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर बनाया था। उम्मीद थी मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा, लेकिन ऐसा हो नहीं सका।